रेलवे ट्रैक पर गिट्टियां क्यो डाली जाती हैं?

रेलवे ट्रैक पर गिट्टियां क्यो डाली जाती हैं?

Tausifur Rahman
Students of Class 12th and Writer

गिट्टी नामक छोटे पत्थर मूल रूप से बड़े पत्थरों को तोड़ कर विशेष आकार दिए गए पत्थर हैं। ये रेलवे पटरियों पर नहीं बिछाए जाते हैं, बल्कि उन स्लीपरों के नीचे और अगल-बगल बिछाए जाते हैं, जिन पर पटरियों को फिक्स किया जाता है।
चित्र: रेलवे ट्रैक के लिए उपयोग की जाने वाली गिट्टी (ballast)
ये पत्थर न केवल रेल यातायात भार के लिए कुशन प्रदान करते हैं, बल्कि भारी वजन वाले रोलिंग स्टॉक के तीव्र आवागमन द्वारा उत्पन्न कंपन को भी अवशोषित करते हैं जो अंततः हमारी यात्रा को बहुत आरामदायक बनाते हैं।
वे रेलवे पटरियों के बीच और आसपास वनस्पति के विकास को अवरुद्ध करने में मदद करते हैं जो ट्रेनों के सुचारू संचालन के लिए रेलवे ट्रैक से सम्बंधित इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारियों को उचित रखरखाव में मदद करता है।
इन छोटे पत्थरों के कारण बरसात के मौसम में रेलवे पटरियों के नीचे से बारिश का पानी आसानी से बह जाता है, जिससे कीचड़ बनने (mud pumping) की संभावनाएँ कम होती हैं, जो ट्रेनों की आवाजाही (यदि ऐसा होता है तो सुरक्षित सीमा तक कम होने की गति) को प्रभावित कर सकती है या कभी-कभी दुर्घटना का कारण भी बन सकती है।
तो ये सभी कारण रेलवे पटरियों को बिछाने के लिए गिट्टी का उपयोग करने के लिए हैं, जिनके उपयोग के बिना आप उच्च गति से रेल यातायात के आवागमन के बारे में इतनी नहीं सोच सकते थे।

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