सपने कैसे साकार करें और जिंदगी में कामयाब होने के तरीके ( How to become successful in life and make dreams come true in hindi)
- आपका सपना क्या हैं (What’s your Dream? ) : वास्तव में यह सबसे युक्तिपूर्ण प्रश्न हैं, क्योंकि यह जानना बहुत आवश्यक हैं कि आखिर आपका सपना हैं क्या? आप क्या चाहते हैं? इसका निर्णय बहुत सोच – समझकर किया जाना आवश्यक हैं. जब हम इस बारे में सोचते हैं, तो स्वयं की वर्तमान परिस्थितियों से बहुत बढ़ – चढ़कर सपने देख लेते हैं और फिर जब इसे पूरा करने का विचार मन में आता हैं, तो इसे असंभव जानकर वही इसे छोड़ देते हैं, उनका जोश ठंडा पड़ जाता हैं. अतः जरुरी हैं कि हम एक छोटे से कदम से शुरुआत करें. फिर उसके पूरा होने पर आगे की रणनीति तय करें. इस प्रकार हमे कदम–दर–कदम सफलता मिलती जाती हैं और कामयाबी का रास्ता भी खुल जाता हैं.
- निश्चय और भरोसा (Decide and Believe): आपने सपना देख लिया और इस पर पूरी तरह से विचार कर लिया, कि आपको यह कार्य करना हैं. इस चरण के पश्चात् आप इस कार्य के प्रति अपना निश्चय द्रढ़ करें और इस पर अपने भरोसे को कायम करें, कि आप यह काम कर सकते हैं और आपको इसमें सफलता मिलेगी.
- डर दूर करें (Release Fear ): अपने सपने को हक़ीकत में बदलने के लिए, जब हम इसकी तरफ कदम बढाएँगे, तो हमे शुरुआत में डर तो लगेगा, कि कहीं हमारा कदम गलत न हो या हमें कामयाबी मिलेगी या नहीं. हमारे सपने कहीं टूट ना जाएँ, इस डर से हम सपने देखना नहीं छोड़ देते, तो क्यों ना हम डरना छोड़ दें, इससे दो फायदे होंगे –
- हमारे सपने को पूरा करने की ओर हम तेजी से आगे बढ़ पाएँगे,
- हमारा डर भी धीरे – धीरे कम होकर ख़त्म हो जाएगा.
- कार्य प्रारंभ करें (Take action): चौथा और महत्वपूर्ण चरण हैं – अपने सपने को पूरा करने के लिए कदम बढ़ाना, इसके लिए कहीं न कहीं से शुरुआत करना जरुरी हैं. चाहे वह कदम छोटा ही क्यों न हो, उस कदम को उठाना महत्व रखता हैं. ऊंचाई पर पहुँचने के लिए पहली सीढ़ी चढ़ना भी बहुत महत्वपूर्ण होता हैं, तभी आप अपनी मंज़िल पा सकते हैं.
- स्वयं से प्रेम करें (Love yourself): आप जब स्वयं से प्रेम करते हैं, तभी खुद को तवज्जो दे पाते हैं और अपने सपनों को भी. आप प्रतिदिन खुद के लिए कुछ समय जरुर निकालें, चाहे उस समय में आप पढ़ें, संगीत सुने या अपना कोई और शौक पूरे करें. खुद से बात करें और अपने सपने के बारे में सोचें, ये विचार करें कि आप अभी कहाँ हैं, कहाँ पहुँचना चाहते हैं और अब इसके लिए क्या किया जाये. इस प्रकार कार्य करने से आप रिलेक्स होंगे और आगे के निर्णय शांत मन से ले पाने में समर्थ होंगे और अब आपको सफलता अवश्य मिलेगी.
- दूसरों की सफलता से प्रेरणा ग्रहण करें (Use other’s Success as Inspiration): जब आप किसी व्यक्ति की सफलता से अवगत हो, तो उससे प्रेरणा लें और यह विचार करें, कि मैं अपनी सफलता को कैसे प्राप्त कर सकता हूँ.
क्रमांक
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सफलता प्राप्त व्यक्ति
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सफल कार्य
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1.
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थॉमस एडिसन
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बल्ब का आविष्कार
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2.
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टाटा ग्रुप
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सबसे सस्ती कार ‘नेनो’ बनाने में सफलता
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3.
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डा ए पी जे अब्दुल कलाम
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भारत के लिए अनेक मिसाइलों का निर्माण करने में सफलता प्राप्त की और आज ‘मिसाइल मेन’ के नाम से जाने जाते हैं.
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4.
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अमिताभ बच्चन
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प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता
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5.
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अब्राहम लिंकन
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एक गरीब बालक से अमेरिका के राष्ट्रपति बनने तक का सफ़र तय किया.
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- गलतियों से सीखना (View Mistakes as an Lesson) : जब हम सपने को साकार करने की ओर कदम बढ़ाते हैं, तो हो सकता हैं कि हमसे कोई गलती हो जाये और हम अपने सपने की ओर एक कदम आगे बढ़ने की बजाए एक कदम या कुछ कदम पीछे हो जाये, तो इसका ये मतलब कतई नहीं हैं कि आप वो काम नहीं कर सकते या सफलता पाना आपके बस की बात नहीं. यहाँ आपको बस अपना नजरिया बदलने की जरुरत हैं, आपको इस गलती से सबक लेना चाहिए, न कि निराश होकर अपने सपने की तरफ से कदम पीछे हटाना चाहिए. एक छोटी सी असफलता को कदम पीछे हटाने का बहाना नहीं बनाना चाहिए.
- छोटे निर्णयों को भी महत्ता दे (Value Tiny Decision) : कामयाबी को पाने के लिए एक छोटे से कदम से शुरुआत की जाती हैं तो इसका मतलब हैं कि ये छोटा सा कदम भी बहुत मायने रखता हैं. अतः आवश्यक हैं कि हम जो भी निर्णय ले, चाहे वो छोटा हो या बड़ा, उसे महत्व देना जरुरी है क्योंकि छोटी – छोटी कोशिशें ही हमे अपनी कामयाबी का रास्ता दिखाती हैं और कामयाबी दिलाती भी हैं.
- बुरी आदतों को जीतने न दे ( Don’t let bad habits win ) : अपने जीवन की छोटी – बड़ी कठिनाइयों को दोष देना बहुत आसान हैं, परन्तु उन पर विजय पाना, उतना ही मुश्किल. अगर आपको कोई बुरी आदत हैं तो उस पर समय रहते नियंत्रण प्राप्त कर ले और फिर धीरे – धीरे उसे ख़त्म कर दे. अगर आपने ऐसा नही किया तो आप उसके आदी हो जाएँगे और फिर ये आदत छुड़ाने के लिए आप अपनी मेहनत से कमाया गया पैसा पानी की तरह बहाएँगे. साथ ही ये हमारे कामयाबी के रास्ते में भी मुश्किलें उत्पन्न कर सकती हैं, इसलिए जरुरी हैं कि इन व्यर्थ के झंझटों में पड़ने से बेहतर हैं कि आप इन आदतों को ही छोड़ दे.
- धैर्य धारण करें (Be Patient): जब आप अपने सपने को साकार करने की ओर कदम बढ़ाते हैं तो हो सकता हैं कि आपकी पहली कोशिश में ही सफलता आपके कदम चूमें, परन्तु ये भी हो सकता हैं कि आप इस बार असफल हो जाये. अतः ये जरुरी हैं कि आप दोनों ही परिस्थितियों के लिए स्वयं को तैयार करें और धीरज के साथ आगे की रणनीति (Strategy) बनाकर उसके अनुसार कदम बढ़ाये. इस प्रकार निरंतर प्रयास करते रहने से आपको सफलता अवश्य मिलेगी. वही अगर आप एक बार की असफलता से निराश होकर बैठ गये, तो कभी सफल नहीं हो पाएँगे. इसलिए आवश्यक हैं कि आप धैर्य धारण करें और आगे बढ़ें.
- रणनीति बदलें (Flexible Strategy) : यदि आपको अपने सपने को साकार करने के रास्ते में बार – बार असफलता का मुंह देखना पड़ रहा हैं तो विचार करें कि कही आपका रास्ता तो गलत नहीं हैं. अर्थात् जिस राह पर आप चल रहे हैं, जिन तरीकों को आप अपना रहे हैं, कही वे गलत तो नहीं हैं और इसी कारण आप अपने सपने को पूरा नहीं कर पा रहे. अतः आवश्यक हैं की समय – समय पर आप अपनी रणनीति को जांचें और अगर जरुरी हो तो उसमे बदलाव भी अवश्य करें.
- आकर्षण का नियम (Law of Attraction) : आप अपने जीवन में जैसा चाहते हैं, जैसा होने की कल्पना करते हैं, आपका जीवन वास्तव में वैसा ही हो जाता हैं, इसके पीछे कारण हैं – “आकर्षण का नियम”. आप अपने जीवन या सपनों के बारे में सोचते हैं और इसकी कल्पना करते हैं और यह कल्पना जितनी शक्तिशाली होती हैं, उसके सच होने की सम्भावना उतनी ही बढ़ती जाती हैं, इसीलिए कहा जाता हैं कि हमे हमेशा अच्छा सोचना चाहिए. परन्तु इसका मतलब ये भी नहीं हैं कि आप सिर्फ कल्पना ही करते रहें और इसके सच होने के इन्तेज़ार में व्यर्थ समय गवाएं. आपको इन्हें हक़ीकत में बदलने के लिए पर्याप्त प्रयास भी करने होंगे.
- सकारात्मक विचार (Positive Thinking) : आपको हमेशा अपने जीवन में सकारात्मक विचार रखने चाहिए. यदि हम अच्छा सोचेंगे, तो अच्छा ही होगा. इसके पीछे कारण हैं कि हम जैसा सोचते हैं, उसका असर हमारे कार्य पर पड़ता हैं और उसकी सफलता और असफलता निश्चित होती हैं. परन्तु इसका अर्थ यह नहीं हैं कि आप परिस्थिति के दोनों पहलुओं अर्थात सकारात्मक और नकारात्मक तथ्यों पर विचार ही न करें. आपको दोनों ही पहलुओं को भली – भांति समझ कर निर्णय लेने होंगे और लिए गये निर्णयों के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाकर उनके सफल होने की आशा भी रखनी होगी, तभी आप सफलता के नज़दीक पहुँच पाएँगे.
- ब्रह्मांड पर भरोसा रखें (Believe the Universe is Friendly ) : श्रीमद् भगवद गीता में कहा गया हैं कि “मनुष्य को अपना कर्म करते रहना चाहिए, उसके फल की चिंता नहीं करना चाहिए”. अर्थात् जब आपने अपने सपने को साकार करने के लिए सभी आवश्यक कार्य पूर्ण कर लिए हैं और अब आप उसके परिणाम को प्राप्त करना चाहते हैं कि कब वह कार्य सफल होगा और कब आप कामयाब बन पाएँगे, तो इस समय आपको ब्रह्मांड अर्थात् ईश्वर पर भरोसा करना चाहिए कि वो आपको आपकी मेहनत का फल अवश्य देंगे. इस प्रकार भरोसा रखने से आपको हिम्मत तो मिलेगी ही, साथ ही आप अपनी सफलता की ओर एक कदम और आगे बढ़ जाएँगे.
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