वर्ल्ड कप 2019. पाकिस्तान वर्सेज़ बांग्लादेश. एक ऐसा मैच जिसमें पाकिस्तान को अपनी सामर्थ्य से भी ज़्यादा रन बनाने थे. तिस पर हुआ ये कि पाकिस्तानी कप्तान ने कह दिया कि वो बना डालेंगे. उनके कहने से कुछ होता नहीं है. क्यूंकि कहा तो किसी ने ये भी था कि साबू गुस्सा होता है तो बृहस्पति ग्रह पर ज्वालामुखी फट पड़ता है. लेकिन ऐसा होता तो है नहीं. पाकिस्तान ने टॉस जीता और पहले बैटिंग करनी शुरू की. हाल ये थे कि इनिंग्स के आधे हिस्से तक मात्र 115 रन ही बने थे. विकेट 1 गिरा था. रन रेट था 4.60 रन प्रति ओवर का. यानी 500 रन तक पहुंचने के लिए अभी पाकिस्तान को 25 ओवर में 15.4 रन प्रति ओवर कि रफ़्तार से 385 रन और बनाने थे. मगर ये हो न सका. (मैं जब भी ‘मगर ये हो न सका’ लिखता हूं तो मेरी खोपड़ी के किसी कोने में अमिताभ बच्चन की आवाज़ में ‘कभी-कभी मेरे दिल में…’ चलने लगता है.) खैर, मुद्दे से भटकना नहीं है. यश चोपड़ा ने कई पीढ़ियों को यूं ही गाहे बगाहे मुद्दे से भटकने पर मजबूर किया है. मैं अभी ऐसा नहीं होने दूंगा.
पाकिस्तान ने बैटिंग काफ़ी धीमी करी. ऐसा लग ही नहीं रहा था जैसे उनके बल्लेबाज़ अपने कप्तान की बात को ज़रा सा भी सीरियसली लेकर उतरे थे. फ़खर ज़मान पूरे वर्ल्ड कप नहीं चले, आज भी नहीं चले. उन्होंने 9 मैचों में सिर्फ़ एक दफ़ा हाफ़ सेंचुरी मारी. वो 31 गेंदों में 13 रन बना सके. लेकिन उनके साथ आए ईमान-उल-हक़ काफ़ी सही खेल रहे थे. उनके लिए ये वर्ल्ड कप भी अच्छा गया है. आज वो 100 रनों पर आउट हो गए. सेंचुरी तो बनी लेकिन अच्छे गैप्स में रन निकालने वाले ईमाम का आउट होने का तरीका बड़ा ही अजीब रहा. असल में वो मुस्तफ़ीज़ुर कि बॉल पर हिट विकेट आउट हुए. बैक-फुट पर गेंद को फ्लिक करने के चक्कर में ईमाम का पिछला पैर जाकर स्टंप से छू गया. और वो गिल्लियां जो गेंद के ज़ोर से लगने पर भी गिरने में नखरे दिखा रही थीं, जूते के धक्के से गिर गईं. ईमाम को पहले तो विश्वास नहीं हुआ कि उनका पैर विकेट्स से टकराया है. लेकिन टीवी रीप्ले में मालूम पड़ा कि उन्हीं की गलती थी. थर्ड अम्पायर ने आउट दिया.
इससे पहले न्यूज़ीलैंड के मार्टिन गुप्टिल भी ऐसे ही आउट हुए थे. साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ खेलते हुए वो अपना बैलेंस मेंटेन नहीं रख सके और उनका पैर भी जाकर विकेट्स से भिड़ गया था.
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