साल 2006. और तारीख 12 मार्च. यानी 13 साल पहले आज का ही दिन. वांडरर्स का मैदान और ऑस्ट्रेलिया-साऊथ अफ़्रीका आमने-सामने थीं. मैच शुरू हुआ तो किसी को ये इल्म भी नहीं था कि ये मैच किस कदर इतिहास बदलने वाला था. ऑस्ट्रेलिया ने पहले बैटिंग की और कप्तान रिकी पोंटिंग ने 105 गेंदों में 164 रन बनाए. इसे रन बनाना नहीं बल्कि फोड़ना कहते हैं. ऑस्ट्रेलिया के टॉप चार बल्लेबाज़ों ने शानदार बैटिंग की. गिलक्रिस्ट ने 44 गेंद पर 55 रन बनाए, कैटिच ने 90 गेंद पर 79 रन और हसी ने 51 गेंद पर 81 रन मारे. कैटिच की स्लो बैटिंग के बावजूद ऑस्ट्रलिया ने 50 ओवर में 434 रन बनाए. ये पहला मौका था जब वन-डे इंटरनेशनल क्रिकेट के इतिहास में किसी टीम ने 400 रनों का आंकड़ा पार किया था.
रिसीविंग एंड पर साउथ अफ़्रीका थी. उसे इस इतिहास में कोई इन्ट्रेस्ट नहीं था. साउथ अफ़्रीका का ड्रेसिंग रूम उस वक़्त धरती का सबसे आरामदायक हिस्सा था. उन्हें मालूम था कि अव्वल तो 400 रन बन नहीं सकते. और जब बन ही गए हैं तो कम से कम 434 रनों का पीछा नहीं ही किया जा सकता. लेकिन टीम अभी भी थिंकिंग मोड में थी. मिकी आर्थर आज पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कोच हैं और उस वक़्त साउथ अफ़्रीका के कोच थे. पूरी टीम उनका मुंह ताक रही थी. उनसे पूछा गया कि टार्गेट का पीछा कैसे करना है. उन्होंने कहा, “हां. मुझसे ऐसे पूछ रहे हो जैसे 434 रनों का पीछा करने का प्लान मैं रोज़ बनाता हूं.” पूरी टीम हंस रही थी लेकिन उस हंसी में एक अजीब ठंड थी. वो बहुत हद तक अपने ऊपर ही हंस रहे थे. लेकिन इतने में ही अनुभवी जैक्स कालिस कॉफ़ी का कप हाथ में लेकर खड़े हुए और बोले, “मुझे लगता है कि बॉलर्स ने अच्छा काम किया. ऑस्ट्रेलिया ने 15 रन कम बनाए हैं. ये विकेट ऐसा है कि इस पर साढ़े चार सौ रन बनाए जा सकते थे. चेज़ करने की सारी ज़िम्मेदारी अब हमारे बल्लेबाज़ों पर है.” ये बातें जिस मुंह से कही जा रही थीं, उसने कितनी ही इनिंग्स खेली हुई थीं. साउथ अफ़्रीका की टीम में उनसे बड़ा अनुभवी और कोई नहीं था. कालिस ने माहौल को हल्का करने के लिए ये सब कुछ कहा था. लेकिन बातें काम की थीं.
299 लीगल डिलीवरीज़ के बाद साउथ अफ़्रीका मैच जीत चुका था. क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ा स्कोर और सबसे बड़े स्कोर को चेज़ करने का रिकॉर्ड एक ही दिन बन चुका था. शराब के नशे में मैच खेलने उतरे हर्शेल गिब्स ने 111 गेंदों पर 175 रन बना डाले. रिकी पोंटिंग की शानदार बैटिंग एक किस्सा मात्र बन कर रह गई थी. हर्शेल गिब्स इतिहास बना चुके थे. गिब्स ने पिछली रात पार्टी करने में गुज़ार दी थी. वो अपनी टीम के कुछ दोस्तों के साथ बियर पीने गए थे. अगले दिन मैच होने की वजह से सभी लोग जल्दी ही अपने कमरों में वापस लौट आये. गिब्स नहीं लौटे. वो होटल के एक कोने में जमे थे और शराब पिए जा रहे थे. माइकल हसी ने अपनी आत्मकथा में लिखा था कि देर रात सोने से पहले उन्होंने अपने कमरे की खिड़की से देखा कि गिब्स जमे हुए हैं और जाम के मज़े ले रहे हैं. उन्होंने सोचा कि कल इसका विकेट तो बहुत ही आसानी से मिल जायेगा. लेकिन एकदम उल्टा ही हुआ. गिब्स अपने कमरे में सुबह के नाश्ते से एक-डेढ़ घंटा पहले ही घुसे थे. उनके कप्तान ग्रीम स्मिथ उनसे बहुत नाराज़ थे. लेकिन जब मैच ख़तम हुआ तो ड्रेसिंग रूम में स्मिथ ही गिब्स को बियर परोस रहे थे.
साउथ अफ़्रीका के विकेटकीपर बैट्समैन मार्क बाउचर गिब्स के आउट होने पर बैटिंग करने पहुंचे थे. मार्क ने ही मैच में आख़िरी रन बनाया था. वो रन जिसने साऊथ अफ़्रीका को जीत दिलाई थी. दूसरे छोर पर मखाया एंटिनी खड़े थे. बाउचर ने मैच के बारे में अपनी ऑटोबायोग्राफ़ी में लिखा था – “बैटिंग पे जाने से ठीक पहले मैंने सोचा था कि मुझे इस काम के लिए 100% कमिट करना होगा. क्यूंकि कमज़ोर दिल वाले कभी भी कुछ हासिल नहीं कर सकते.” (“Commit to it 100 per cent because the faint-hearted never fucked a fair maiden’. That was my final thought.”)
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