कैमरन ने अपनी किताब में लिखा है कि पीएम मनमोहन सिंह ने मुझसे कहा था कि यदि भारत पर जुलाई 2011 में मुंबई जैसा हमला फिर होता है तो भारत पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करेगा।


ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ की। कैमरन ने अपनी किताब में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ‘संत सरीखा आदमी’ बताया है। ब्रिटेन के पूर्व पीएम ने अपने पूर्व भारतीय समकक्ष के साथ अपने संबंधों का भी जिक्र किया है।



हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार कैमरन ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के हवाले से लिखा है कि सिंह ने मुंबई हमले के बाद फिर से ऐसा हमला होने की सूरत में पाकिस्तान पर हमला करने संबंधी निर्णय लेने की बात कही थी। कैमरन लिखते हैं, ‘प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मेरी अच्छी बनती थी। वह संत सरीखे आदमी हैं, लेकिन बात जब भारत के सामने चुनौतियों की आती थी तो वह बिल्कुल मजबूत थे।’
कैमरन आगे लिखते हैं, ‘पीएम मनमोहन सिंह ने मुझसे कहा था कि यदि भारत पर जुलाई 2011 में मुंबई जैसा हमला फिर होता है तो भारत पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करेगा।’ डेविड कैमरन 2010 से 2016 तक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने यूरोपीय यूनियन छोड़ने के मसले पर हुई वोटिंग के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। अपनी किताब ‘For The Records’ में उन्होंने ‘भारत के सिद्धांत’ से जुड़े कई संस्मरण लिखे हैं। यह किताब बृहस्पतिवार को रिलीज हुई। कैमरन ने एक कंजर्वेटिव नेता और प्रधानमंत्री के रूप में पार्टी को बढ़ाने और भारत को यूके के दृष्टिकोण से अवगत कराने की बात कही।
साल 2002 के गुजरात दंगों के बाद यूनाइटेड किंगडम ने जब 2013 में नरेंद्र मोदी का बहिष्कार खत्म किया था उस समय डेविड कैमरन ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे। इसके बाद उन्होंने साल 2015 में प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान उनका स्वागत भी किया था। पीएम नरेंद्र मोदी की यात्रा को उस समय काफी सफल बताया गया था।



भारत को लेकर डेविड कैमरन लिखते हैं, ‘बात जब भारत की आती है तो मैं यह कहता हूं कि हमें आधुनिक साझेदारी बनानी चाहिए जिसमें उपनिवेशवाद का अपराधबोध ना हो बल्कि दुनिया की सबसे पुराने लोकतंत्र और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के बीच संभावनाएं जीवंत रहें।’ उन्होंने इसके लिए अमेरिका और यूके की ‘विशेष’ साझेदारी का भी हवाला दिया। वह भारत के साथ ‘नए विशेष संबंधों’ की वकालत करते हैं।

मालूम हो कि कैमरन पहले ऐसे ब्रिटिश प्रधानमंत्री थे जो साल 2013 में पहली बार जलियांवाला बाग गए थे। उन्होंने जलियांवाला नरसंहार के लिए माफी भी मांगी थी।

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