आज की इस पोस्ट में मैं आपको बिजनेस और जॉब, नौकरी और कारोबार मतलब नौकरी और खुद के बिजनेस के बारे में कुछ टिप्स बताऊंगा। मुझे उम्मीद है कि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप आसानी से समझ सकेंगे कि आपको जॉब करनी चाहिए या फिर खुद का बिजनेस। तो चलिए जानते हैं बिजनेस और जॉब में क्या फर्क है और आपके लिए क्या बेस्ट हैं।
जॉब की सबसे बढ़िया कैटिगरी सरकारी नौकरी है। अगर आप सरकारी जॉब करते हैं तो यह आपके लिए और आपकी भविष्य के लिए बढ़िया हैं। जब तक आप जॉब करोगे आपका सरकार वेतन देगी जब आप रिटायर्ड हो जाएंगे तब भी सरकार आप को पेंशन देगी। अभी तक आपके तारे हैं आपको और आपके परिवार को सरकार पैसे देती रहेगी। इसलिए सभी स्टूडेंट सरकारी नौकरी के पीछे भागते है।
दूसरा नंबर आता है प्राइवेट जॉब का। प्राइवेट जॉब कई तरह की होती है। तो शॉप में जॉब करते हैं और कुछ लोग किसी स्कूल में प्राइवेट टीचर है तो कोई किसी कंपनी में जॉब करता है। यानी हर कोई जॉब करता है बस कोई कहीं तो कोई कहीं। जॉब का एक ही मतलब होता है कि आप को हर महीने पैसे मिल जाएंगे।
इन दोनों से बढ़िया होता है बिजनेस, मतलब खुद का काम करना और खुद अपने दम पर बिजनेस स्टार्ट करके पैसे कमाना। इसके लिए आपको बहुत मेहनत करनी होगी। क्योंकि 14 दिन में 8 से 10 घंटे कर सकते हो लेकिन अपने बिजनेस को सफल बनाने के लिए आपको 24 घंटे एक्टिव रहना पड़ सकता है।
हम बात करेंगे की जॉब और बिजनेस में क्या बेहतर है? जिससे हमें पता चल सकेगा कि हमें कौन सा रास्ता अपनाना चाहिए।
जॉब और बिजनेस में क्या फर्क है और आपके लिए क्या अच्छा है?
जैसा कि मैंने बताया कि सभी जॉब्स का एक ही मकसद होता है कि हर महीने सैलेरी समय पर मिल जाती हैं और कहीं कहीं पर प्रमोशन मिलते रहते हैं। प्राइवेट जॉब में सबसे बढ़िया जॉब लिमिटेड कंपनियों की होती है।इसके अलावा अगर आप किसी काम को सीखने के लिए जॉब करते हैं तो यह भी बढ़िया है। इसमें भी आपका भविष्य है। क्योंकि एक दिन आप खुद वो काम शुरू कर सकते हैं।
लिमिटेड कंपनी में आपको अच्छी सैलरी के साथ साथ प्रमोशंस भी मिलते हैं और हर साल आपकी सैलरी में बढ़ती रहती है। इनमें आपको हमेशा आगे बढ़ने का मौका मिलता रहता है। लिमिटेड कंपनियों के अलावा जितने भी छोटी जॉब्स है उनका कोई फ्यूचर नहीं होता।
उनमे आप चाहे जितने साल काम कर ले लेकिन आप कुछ भी नहीं कर सकते ना ही उम्र कोई पदोन्नति मिलता है और ना ही वेतन बढ़ता है। इनमें इंसान की जिंदगी और उनका भविष्य दोनों खराब होते हैं।
आप जब तक जवान है तब तक कमा सकते हैं जब आप बूढ़े हो जाएंगे तो यह लोग आपको निकाल कर दूसरे नवयुवक को जॉब पर रख लेंगे। यही हाल में विदेश में जॉब करने वालों का होता है।
1. क्या विदेश में जॉब करना बेहतर है?
विदेश में आप चाहे जितने सा जॉब कर ले लेकिन जिस दिन आप अपने वतन वापस आयेंगे आपकी जिंदगी वहीं से शुरू हो जाएगी जहां से आप चले थे बहुत ही कम लोग होते हैं जो विदेशों में जॉब करते हैं। जो विदेश में जॉब करके पैसे जमा कर लेते हैं और अपने देश में आकर अपना बिजनेस स्टार्ट कर देते हैं।
ज्यादातर लोग विदेश में कमा कमा कर घर बैठे रहते हैं घरवाले उसे खर्च करते रहते हैं नतीजा यह निकलता है कि कुछ भी बैलेंस सेव नहीं हो पाता है। अब जब बंदा वापस अपने देश में आता है तो फिर से बेरोजगार हो जाता है।
मैंने ज्यादातर लोगों को जो विदेश में जॉब करते थे वतन आकर फ़ैल होते देखा है। इसमें उनकी अपनी गलती ज्यादा होती है कि उन्होंने जो कुछ भी कम है उसे खर्च कर दिया और कुछ भी नहीं बचाया। अब या तो विदेशी कंपनी बंद हो गई है या उनका वीजा फिनिश कर दिया गया या वह खुद सब कुछ छोड़ कर अपने देश लौट आए। अभी सूरत में वापस घर आ कर लेना कुछ भी नहीं कर पाते और सोचते-सोचते काफी समय बर्बाद कर देते हैं।
जो लोग विदेश में पैसे कमाते हैं वह अपने घर वापस आकर खुद का बिजनेस शुरू कर लेते हैं। लेकिन ज्यादातर ऐसा नहीं कर पाते उन्हें फिर से कोई जॉब करनी पड़ती है या फिर फ़ैल होकर बैठ जाते हैं। मेरे कहने का यह मतलब नहीं है कि विदेशों में जॉब करना बेकार है। बहुत से लोग है जो दूसरे देशों से लाखों पैसे कमा रहे हैं और कमा कर लाए हैं।
2. प्राइवेट नौकरी का भविष्य क्या होता है?
प्राइवेट जॉब का कोई फ्यूचर नहीं होता आप इन जॉब्स से सिर्फ और सिर्फ अपना घर का खर्च निकाल सकते है। आप कुछ भी बचत नहीं कर सकते। अगर आपकी सैलरी काफी ज्यादा है तो आप पैसे जमा कर सकते हैं। लेकिन प्राइवेट कंपनियों में इतनी ज्यादा सैलरी नहीं मिलती कि आपका खर्चा भी कवर हो जाए और आप पैसे भी जमा कर सको।
प्राइवेट जॉब में आपका सिर्फ आज मैं कल नहीं है। अगर आप अपने बच्चों की पढ़ाई नहीं कर सके तो कल आपके बच्चे भी किसी के यहां जॉब ही करेंगे। आज के लिए आने वाले कल को बर्बाद कर रहे हैं। इसलिए आपको जॉब करते हुए अपने भविष्य के बारे में प्लानिंग करनी चाहिए और अपने बच्चों को रोशन करने के लिए आपको आज कोशिश करनी शुरू कर देनी चाहिए।
प्राइवेट नौकरी करने वाले कभी नहीं चाहेंगे कि उनके बच्चे भी इसी तरह दूसरों की गुलामी करें। नौकरी को नौकरी इसीलिए कहते हैं क्योंकि इसमें काम करने वाले सभी नौकर होते हैं। मालिक सिर्फ वह होता है जो बिजनेस कर रहा है। मैनेजर से लेकर ऑफिसर बाय तक सभी नौकर ही होते है इसलिए नौकरी से बेहतर बिजनेस हैं।
3. बिजनेस और जॉब में क्या फर्क होता है?
जब आप कहीं पर जॉब करते हैं तो आपको मालिक की मर्जी से ही आना जाना पड़ता है और उसके कहे अनुसार काम करना है यहां तक की छुट्टी भी उसी से इजाजत लेकर रखनी होती है जबकि बिजनेस में आप खुद मालिक होते हैं आपको किसी चीज के लिए किसी से पूछने की जरूरत नहीं पड़ती है।
जॉब में आपकी सैलरी फिक्स होती है जबकि बिजनेस में कभी कम कभी ज्यादा कमाई कर सकते हैं। जब मैं आपके बच्चों का कोई फ्यूचर नहीं होता लेकिन आपका बिजनेस आपके बच्चे भी संभाल लेंगे उन्हें किसी की नौकरी नहीं करनी पड़ेगी।
जॉब से आपको कभी भी निकाला जा सकता है लेकिन आपके अपने बिजनेस से आपको कोई नहीं निकाल सकता।
जॉब में प्रमोशन नहीं मिलता या काम नहीं मिलता लेकिन बिजनेस धीरे-धीरे बढ़ता ही जाता है और आपकी कमाई ज्यादा हो जाती है।
जॉब में आप जब बूढ़े हो जाएंगे तब आपको कुछ नहीं मिलेगा लेकिन आपका जमाने में शुरू किया हुआ बिजनेस जब आप बूढ़े हो जाएंगे आपको घर बैठे हैं खिला सकता है। आपके बच्चे आपके बिजनेस को नई बुलंदी देंगे और आपका बुढ़ापा भी आसान हो जाएगा।
जॉब आप सिर्फ जवानी में ही कर सकते हैं क्योंकि बूढ़े वर्कर को कोई भी जॉब देना पसंद नहीं करता लेकिन आपका अपना बिजनेस होगा तो आप बुढ़ापे में भी अपने बिजनेस को संभाल सकते हैं वहां से आपको कोई भी नहीं हटा सकता।
बिजनेस में फ्यूचर है लेकिन जॉब में कोई फ्यूचर नहीं है पढ़ लिख कर आपके बच्चों को अगर सरकारी जॉब नहीं मिलती तो उन्हें भी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करनी पड़ेगी और उनकी जिंदगी भी आपकी तरह दुख भरी होगी। लेकिन अगर आपका अपना बिजनेस है तो आपके बच्चों को फिक्र नहीं होगी अगर सरकारी जॉब मिल जाए तो बढ़िया है ना मिले तो आपका बिजनेस तो है ही।
जोर से मिलने वाली सैलरी में से आप जमा नहीं कर सकते जबकि अपने बिजनेस से मुनाफा मिलने पर आप उसे जमा कर सकते हैं। जो मैं मिलने वाली सैलरी से सिर्फ घर का खर्च चलाया जा सकता है घर के खर्चे के सभी काम निकाले जा सकते हैं और दूसरों को भी काम दिया जा सकता है।
जॉब करने वाला सिर्फ एक जगह पर जॉब कर सकता है जो आप चाहे जितना बढ़ा सकते हैं और कितने भी नए बिजनेस शुरू कर सकते हैं। जो करने वाला ना तो पैसे जमा कर सकता है और ना ही कहीं इन्वेस्टमेंट कर सकता है जबकि बिजनेस में दोनों काम कर सकते हैं।
जो करने वाले अपने बच्चों के भविष्य के लिए कुछ भी रुपए जमा नहीं कर पाते हैं नतीजा यह है कि उन्हें अपने लड़के या लड़की की शादी तक करने के लिए दूसरों से कर्ज लेना पड़ता है। जबकि बिजनेस में अपने बच्चों के बचपन से ही रुपए जमा करवाना शुरू कर देते हैं और जवान होने तक उन्हें अच्छा खासा प्रोत्साहन मिल जाता है जिससे वह धूमधाम से अपने बच्चों की शादी कर सकते हैं।
जॉब करने वाले अपने बच्चों को अच्छी तालीम भी नहीं दिला पाते या उन्हें ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं पाते क्योंकि उन्हें दूसरों के यहां हर रोज नौकरी करनी होती है। जबकि बिजनेस करने वाले अपने बच्चों को अच्छी तालीम दिलाते है, स्कूल, कॉलेजों में ऐडमिशन ज्यादा से ज्यादा पढ़ाते हैं उन्हें पढ़ाई के लिए विदेश भेजते हैं
जॉब करने वालों को हर काम कर्ज लेकर करना पड़ता है जबकि बिजनेस करने वाले हर काम को अपने आप कैसे करते हैं और उल्टा जॉब करने वालों को कर्ज़ भी देते हैं।
नौकरी में बहुत सारी रिस्क होती है लेकिन खुद के बिजनेस में ऐसा कुछ भी नहीं होता आप जब चाहे जैसे चाहे अपने बिजनेस को संभाल सकते हैं।
सबसे बड़ी बात अगर आपके पास खुद का बिजनेस है तो आप तो आप अच्छे सक्सेसफुल बिजनेसमैन बन कर दुनिया में अपना नाम कमा सकता है जबकि जॉब में आप ऐसा नहीं कर सकते हैं उसमें काम आपका और नाम आप के मालिक का होगा।
जॉब करने वालों की कमाई फिक्स होती है जबकि बिजनेस करने वालों की कमाई की कोई सीमा नहीं होती। कभी कम कभी ज्यादा तो चलता ही रहता है। लेकिन खुद का बिजनेस तो बिजनेस होता है। जॉब से कभी भी बिजनेस कम करना नहीं कर सकते।
आपको मैंने जॉब और बिजनेस में फर्क के इतने सारे उदाहरण बताएं हैं कि मैं सबसे बड़ी बात यही है कि खुद का बिजनेस करना सबसे अच्छा है क्योंकि इसमें आप जितना चाहे तरक्की कर सकते हैं।
इस वेबसाइट पर अक्सर नए नए बिजनेस आइडिया के बारे में पोस्ट करता रहूंगा ताकि लोग जॉब की चोट से बाहर निकले और बिजनेस की तरफ आएं और अपना खुद का बिजनेस शुरू करें।
मैंने भी कई साल तक दुबई में जॉब किये लेकिन इसके साथ साथ ही मैंने वहां बिजनेस मैनेजमेंट और दूसरे ऑनलाइन कोर्स कर लिए थे क्योंकि मैं जानता था कि एक ना एक दिन मुझे इंडिया जाना ही है वहां जाकर मुझे क्या करना है।
इसकी मैं शुरू से ही प्रॉपर प्लानिंग करता रहता था और इसके लिए मुझे किन किन एजुकेशन की जरूरत पड़ेगी वह सभी कंप्लेंट करता रहता था और आज मैं खुद का बिजनेस कर रहा हूं और अपनी लाइफ में बहुत खुश हूं।
बिजनेस इन्वेस्टमेंट का दूसरा नाम है। इंग्लिश में कहावत है " No Business without Investment" यानी बिना किसी इन्वेस्ट कर कभी भी आप बिजनेस नहीं कर सकेंगे इसलिए इन्वेस्टमेंट का रिस्क तो लेकर भी चलना पड़ता है।
4. जॉब और बिजनेस इन दोनों में से बढ़िया क्या है?
और आप सोचते हैं कि आप पढ़े लिखे नहीं हैं और आपको सब कुछ नहीं आता तो आप बिल्कुल गलत है। बहुत से अनपढ़ और कम एजुकेटेड लोग अच्छा बिजनेस कर रहे हैं और बहुत से योग्य और पढ़े-लिखे लोग किसी और की नौकरी कर रहे हैं।
यह बात बिल्कुल सही है उदाहरण के लिए आप कुछ बड़े बिजनेस और कंपनीज के मालिक की पढ़ाई चेक कर लो, बहुत से लोगों के पास कॉलेज तक की डिग्री नहीं है।
लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है। दरअसल इंसान अपनी सोच से महान बनता है और सोचने की शक्ति हर किसी के पास है बस कोई छोटा सोचता है और कोई बहुत बड़ा सोचता है। दोनों की सोच में फर्क यह है कि जो पढ़ा लिखा है उन्हें लगता है कि उन्हें तो कोई पर कोई बढ़िया जॉब मिल जाएगी इसलिए वह खुद का काम शुरू नहीं कर पाते हैं।
लेकिन जो कम पढ़े लिखे और योग्य नहीं है उन्हें लगता है कि उन्हें कौन जवाब देगा इसलिए वह सोचते हैं कि मैं कुछ कर लेते हैं।
कुछ लोगों में बिजनेस करने का जज्बा कम होता है जबकि कुछ लोगों की बहुत कुछ करने की सोच होती है। इसलिए सफल वही होता है जो समय पर अपना काम शुरू कर देता है क्योंकि आलसी लोगों को सिर्फ उतना ही मिलता है जितना मेहनत करने वाले छोड़ देते हैं।
चाय बेचने का काम कम पढ़े लिखे और अनपढ़ लोग ही कर सकते हैं। एक तरह से यह भी उनका छोटा सा बिजनेस होता है क्योंकि वह अपनी मर्जी का मालिक होता है और जब चाहे काम कर सकते हैं।
इस तरह जितने भी छोटे-मोटे स्माल बिजनेस होते हैं उनको कम पढ़े लिखे अनपढ़ लोग ही करते हैं योग्य बंदे इन कामों को करना पसंद नहीं करता है और अपनी शान के खिलाफ समझते हैं उन्हें ऐसा करने में शर्म महसूस होते हैं और वह छोटा काम करने से अच्छा खाली बैठना बेहतर समझते है।
इसलिए आपको आज अभी से अपना खुद का काम यानी खुद का बिजनेस शुरू कर देना चाहिए या उसके लिए तैयारी करनी शुरू कर देनी चाहिए। अगर आपको उसकी जानकारी नहीं है तो आप उसके बारे में अभी से जानकारी जुटाना शुरू कर दे।
मुझे उम्मीद है कि आपको इस पोस्ट को पढ़कर बिजनेस या जॉब के बारे में चर्चा करने में मदद मिलेगी। एक बात और बताता चलूं कि मैंने योग्य को कभी भी गलत नहीं कहा बल्कि मैंने आपको उनकी सोच बताई है। क्योंकि मेरे सभी दोस्त योग्य है। मैंने देखा है कि जो के लोग बिजली से ज्यादा जॉब पर ध्यान देते हैं।
आप राजनीति, बॉलीवुड, खेल, बिजनेस जहां चाहे देख ले वहां आपको कम पढ़े लिखे लोगों की ज्यादा मिलेंगे और यह अपने आप को प्रेरित (motivate) करने का सबसे बड़ा उदाहरण है। इसलिए जॉब, नौकरी तब तक करें जब तक आप बिजनेस करने की कंडीशन में ना आ जाए। जब आपका मन बिजनेस करने के लिए कहे तो फिर आप सिर्फ बिजनेस करना शुरू कर दे।
अगर आपके पास इन्वेस्टमेंट है तो बढ़िया है वरना आपको बहुत सारी बैंक से लोन भी मिल जाएगा। अब अपने घर या किसी भी प्रॉपर्टी पर लोन ले सकते हैं। जब आप शादी वगैरह के लिए कर्ज़ ले लेते हैं तो बिजनेस के लिए आपको कर्ज मिल ही जाएगा जिसे आप धीरे-धीरे चुका सकता है।
एक राय और देना चाहूंगा कि आप जो भी बिजनेस शुरू करें उसे शुरू करने से पहले अपने दोस्तों और परिवार वालों से राय जरूर लें और आप चाहे तो किसी बिजनेस specialist से भी सलाह ले सकते हैं।
अगर कोई योग्य बंदा business mind रखता है तो मैं उसको मुबारकबाद देता हूं और उसके लिए दुआ करता हूं कि उसे कभी किसी की job ना करनी पड़े और वह 1 दिन बहुत बड़ा बिजनेसमैन बने।
जॉब नहीं बल्कि बिजनेस करें लेकिन बिना सोचे समझे कभी भी कोई काम ना करें। किसी काम को करने से पहले उसके बारे में ठीक है जान ले और दूसरों अच्छे लोगों से सलाह ले। इससे आपको सही रास्ता पता करने में आसानी होगी। कभी भी ऐसा काम ना करें जिसमें आपका बाजार दूसरों का नुकसान हो।
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