मैं जानता हूँ कोई भी शुरुआती दिनों में ब्लॉग लिखने के लिए प्रेरित होता है तो उसके पीछे एक बहुत बड़ी प्रेरणा पैसा कमाने की होती है। ईमानदारी से कहूँ तो मैंने भी जब अपनी मौसमी बेरोजगारी के कारण ब्लॉग लिखने की सोची थी तो उसके पीछे मेरी मंशा भी पैसे कमाने की ही थी।
मुझे याद है, मैंने अपने ब्लॉग में मुश्किल से 4-6 पोस्ट ही लिखी थीं और एडसेंस के लिए आवेदन कर दिया। मज़े की बात यह कि गूगल ने मेरा ऐडसेंस अकाउंट अप्रूव भी कर दिया। गूगल ने पते के सत्यापन के लिए मेरे घर पर एक लिफाफा भेजा था। भाई साहब, राहुल गाँधी के जनेऊ की कसम मेरा दिल बल्लियों उछल गया था। अम्बानी और बिड़ला वाली फीलिंग आने लगी थी। मैंने तो मन ही मन इन तमाम बड़े-बड़े अमीरों को धिक्कारना भी शुरू कर दिया था और इरादा कर लिया था कि मैं दिखाऊँगा अमीरी क्या होती है। “वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे” जैसे परोपकारी भावों से हृदय आप्लावित था। (देख लीजिए ब्लॉग पर मैंने उस समय यह कविता पोस्ट भी की थी) लेकिन दोस्त! मेरी यह खुशी बहुत जल्दी काफूर हो गयी। ब्लॉग पर एडसेंस से होने वाली कमाई देख कर जल्द ही सारा हवामहल धराशायी हो गया और मैंने करोड़पति बनने का ख्वाब भी छोड़ दिया।
हाँ! इससे यह फायदा जरूर मिला कि मुझे हिंदी भाषा, साहित्य और संस्कृति के प्रति अपने प्रेम को अभिव्यक्त करने का एक अच्छा माध्यम मिल गया। एक छोटी सी, दबी सी इच्छा यह भी है कि इसी बहाने चार लोग मुझे जानेंगे।
यहाँ आपको यह भी बताता चलूँ कि मैं कभी-कभार छोटी-मोटी तुकबंदियाँ कर लेता हूँ, जिसे आप शेर-ओ-शायरी भी कह सकते हैं। मेरे ब्लॉग का एक प्रमुख उद्देश्य यह भी है। आज लगभग 5 से 6 वर्ष हो गए होंगे; मैं ब्लॉग लिख रहा हूँ और क्योंकि अब मुझे एक अच्छी-खासी नौकरी(कम से कम कमाई के लिहाज से) मिल चुकी है, माता-पिता के आशीर्वाद, ईश्वर की कृपा और आप जैसे मित्रों व शुभचिंतकों की शुभकामनाओं से, (अपनी क़ाबिलियत से तो बिलकुल नहीं) इसलिए अब ब्लॉग से पैसे कमाने की मोह-माया से पूरी तरह विरक्त हूँ।
मैंने उस समय अपने ब्लॉग के लिए कस्टम डोमेन भी नहीं लिया और आज मेरे ही ब्लॉग के नाम पर कस्टम डोमेन लेकर कोई महापुरुष अंबानी जी के जियो को टक्कर देने जा रहे हैं। मेरे ब्लॉग से मिलते-जुलते नाम वाले कई ब्लॉग और पनप गये हैं। अब मैं अपने ब्लॉग का नाम बदल कर कस्टम डोमेन लगाने वाला हूँ। (जानता हूँ कि रैंकिंग-वैंकिंग सब डाँवाँडोल हो जाएगी लेकिन और कर ही क्या सकता हूँ?) हो सकता है आप जैसे कुछ सुधी मित्र ब्लॉग से जुड़कर उसे फिर से खड़ा कर दें।
अच्छा! चूँकि ब्लॉग पर एडसेंस लगा हुआ है और मुझे लक्ष्मी जी से बिलकुल भी बैर नहीं है इसलिए कमाई तो हो ही रही है। यह बात दीगर कि भारत सरकार के आयकर विभाग की नज़र अब तक इधर नहीं पड़ी है।
अब, आपकी उत्सुकता का सम्मान करते हुए मैं सत्य और निष्ठा की कसम खाकर आपको बताना चाहता हूँ कि कल दिनांक 22–12–2018 को मेरे ब्लॉग पर 964 व्यू हुए थे और मुझे एडसेंस से उस दिन 0.13 डॉलर की कमाई हुई है। आज दिनांक 23–12–2018 को अब तक लगभग 450 व्यू हुए हैं और आज की अब तक की कमाई है - 0.07 डॉलर। समेकित रूप से लगभग 5 वर्ष की अवधि में 31.43 डॉलर की कमाई हुई है। यदि आपको उपर्युक्त (‘उपरोक्त’ शब्द अशुद्ध है) का स्क्रीनशॉट चाहिए तो कृपया व्यक्तिगत रूप से आदेशित कर दीजिएगा।
एक बात और- “लालच है कि जाता ही नहीं”।
वैधानिक चेतावनी:
- मेरी बातें पूरी तरह सच हैं और अकर्मण्यता को बढ़ावा देती हैं। अतः आपसे निवेदन है कि मेरी फालतू की बातों के फेर में न पड़ें और आगे बढ़कर अपने ब्लॉग की परियोजना पर काम करें। ईश्वर आपको सफलता प्रदान करेगा।
- अधिकतर टाइपिंग गूगल वॉइस से की गई है इसलिए गलतियों की संभावना अधिक है। कृपया टाइपिंग मिस्टेक इत्यादि नजरअंदाज करें।
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