वैसे व्यवहारिक रूप से देखा जाये , तो ज्यादा नुकसान नहीं लेकिन कुछ नुकसान तो होते ही हैं-
(चित्र स्त्रोत- गूगल इमेजेस)
- नौकरी में ट्रांसफर या स्थानांतरण की संभावनाएं
- बच्चों की उच्च स्कूली फीस से सामंजस्य बनाना और समझौता
- कैरियर में एक निश्चित अनुपात में वृद्धि परन्तु बहुत धीमी रफ़्तार में होना
- आय के अतिरिक्त साधनों के बारे में अधिकांश समय व्यतीत करना
- दैनिक जरूरतों में केवल किफ़ायती वस्तुएं ही खरीदना , कोई उच्च ब्रांड को दरकिनार कर देना
- कोई लंबी फैमिली ट्रिप नहीं कर पाना और कहीं भी घूमने जाने से पहले बहुत सोचना
- फॉर्च्यूनर की जगह मारुति कार को प्राथमिकता देना
- भोग विलासितापूर्ण जीवन की आकांक्षा को दरकिनार करते हुए एक सामान्य सादगीपूर्ण जीवन जीना
- गरीब जरूरतमंदों की ज्यादा मदद नही कर पाना
- बड़े अधिकारियों द्वारा हमेशा काम को समय पर समपन्न करने हेतु अधिक दबाव और जिम्मेदारी का होना
- ऑफिस के टाइम के बाद भी ऑफिस के काम को पूरा करने के लिए मजबूर होना और इसके लिए कोई ओवरटाइम नहीं मिलना
- ट्रांसफर रुकवाने या मनपसंद जगह करवाने के लिए सिफारिशों और पैसे दोनो का इंतजाम करना
फ़िलहाल इतना ही समझ पाया हूँ ,महोदय ।
बाकी आप भी कुछ कमेंट में ऐड कर सकते हो अगर कुछ कमी रह गया हो तो ✍️
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