बचपन में मेरे मन में यह सवाल कभी नहीं आया । लेकिन मुझे काली चिटियो की दया आती थी। क्योंकि वो कभी काटती नहीं थी और लाखों की संख्या में एक कतार में चली रहती थी अस और घरवाले उन्हें मारने में लगे रहते थे। वही मुझे लाल चिटी देखते ही गुस्सा आता था क्योंकि वह इतनी बुरी तरह से काटती थी कि पूछो मत। कभी कभी सुबह बिस्तर से उठते ही आंख सुजी हुई मिलती थी। मां बताती कि इसके पीछे लाल चिटी का ही हाथ है।
चलो अब आते है आपके सवाल पर। आपको आपके सवाल का जवाब देने से पहले हम चीटियो के बारे में कुछ साधारण और रोचक बाते जान लेते हैं।
चिटियों से जुड़ी रोचक बातें :
- आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दुनिया भर में चींटियों की 12,000 से अधिक प्रजातियां हैं। इतनी तो इंसानों की भी नहीं है।
- एक चींटी अपने शरीर के वजन का 20 गुना उठा सकती है।
- कुछ रानी चींटियां कई सालों तक जीवित रह सकती हैं और उनके लाखों बच्चे होते हैं।
- चींटियों के कान नहीं होते। वे अपने पैरों के माध्यम से जमीन में कंपन महसूस करती है।
- रानी चींटियों के पंख होते हैं।
- चींटियों के फेफड़े नहीं होते। ऑक्सीजन पूरे शरीर में छोटे छिद्रों के माध्यम से प्रवेश करता है और कार्बन डाइऑक्साइड एक ही छेद के माध्यम से निकलता है।
- जब कॉलोनी की रानी की मृत्यु हो जाती है, तो कॉलोनी केवल कुछ महीनों तक जीवित रह सकती है। क्योंकि रानी चिटी की शायद ही कोई उत्तराधिकारी दूसरी रानी होती है और श्रमिक चिटिया पुनरूत्पादन करने में सक्षम नहीं होती हैं।
- हालाँकि चींटियाँ आपको आपके घर में आकर आपको परेशान करती हैं। लेकिन चींटियाँ पर्यावरण की मदद करती हैं। वे सामाजिक कीड़े हैं, जिसका अर्थ है कि वे बड़ी कॉलोनियों या समूहों में रहते हैं। प्रजातियों के आधार पर, चींटी कॉलोनियों में लाखों की संख्या में चींटियां हो सकती हैं।
एक कॉलोनी में तीन प्रकार की चींटियाँ हैं: रानी, महिला श्रमिक और नर। रानी और नर चिटी के पंख होते हैं, जबकि श्रमिकों के पंख नहीं होते हैं। रानी एकमात्र ऐसी चींटी है जो अंडे दे सकती है। पुरुष चींटी का काम भविष्य की रानी चींटियों के साथ रहकर संबध बनाना है लेकिन नर चिटी बहुत लंबे समय तक जीवित नहीं रहती हैं। एक बार जब रानी वयस्क होती है, तो वह अपने जीवन के बाकी हिस्सों में अंडे देती रहती है। प्रजातियों के आधार पर, एक कॉलोनी में एक रानी या कई रानी हो सकती हैं।
चींटी कॉलोनियों में सैनिक चींटियां भी होती हैं जो रानी की रक्षा करती हैं, कॉलोनी की रक्षा करती हैं, भोजन इकट्ठा करती हैं या भोजन बनने वाले कीड़ों को मारती हैं, और भोजन और घोंसले वाले स्थान की तलाश में दुश्मन कॉलोनियों पर हमला करती हैं। यदि वे किसी दूसरे चींटी कॉलोनी को हराते हैं, तो वे पराजित चींटी कॉलोनी के अंडे ले जाते हैं। कॉलोनी में कुछ चीटियां अंडे और बच्चों की देखभाल करती है तो कुछ कॉलोनी के लिए भोजन इकट्ठा करना और मिट्टी के टीले का निर्माण करती है जो कि उनका घर होता है।
अब हम जान लेते है लाल और काली चींटियों के बारे में क्योंकि इं दोनों का ही अधिकतर सामना हमारे से होता है।
लाल चिटी :
लाल चींटियों को फायर या अग्नि चींटियां भी कहा जाता है और कुछ स्थानों पर इन्हें अदरक चींटी के रूप में संबोधित किया जाता है। (खासकर विदेशो में)। लाल चींटियाँ या अग्नि चींटियाँ अनोखी होती हैं क्योंकि अन्य चींटियों के विपरीत वे अपने मुँह से काटती हैं और फिर वे विषाक्त पदार्थों को अपने शिकार या एक इंसान में छोड़ देती हैं। असल में यह विषाक्त पदार्थ और कुछ नहीं बल्कि फार्मिक अम्ल (एसिड) होता है। काटने की जगह पर एसिड से आग कि तरह जलन महसूस होती है। इसलिए इन्हे अग्नि या फायर चिटी कहते हैं। काली चींटियों की तुलना में लाल चींटियां अधिक आक्रामक होती हैं, और हाल के वर्षों में इन्हे कुछ छोटे जानवरों जैसे छोटे पक्षी, छिपकली और मेंढको की संख्या में गिरावट के लिए आंशिक रूप से दोषी ठहराया गया है। लाल चींटियों को जमीन में पाया जा सकता है, और आप इन्हे एक बड़े टीले के कॉलोनी में भी देख सकते हैं।
काली चिटी :
काली चींटियां कम ही काटती है।जब आप उनके रास्ते में आ जाओ। काली चींटियां काटेगी और घाव पर कम मात्रा में फार्मिक एसिड स्प्रे करेंगी, लेकिन यह लाल चींटी के जहर जितना बुरा नहीं होता। काली चींटियाँ स्वास्थ्य के लिए खतरा नहीं होती लेकिन वे बहुत अधिक उपद्रवी होती हैं। काली चींटियां पेड़ों और लकड़ी में घोंसला बना लेंती है, और आप उन्हें अपने घर में भी पा सकते हैं। लाल चींटियों के विपरीत, काली चींटियां आक्रामक नहीं होती हैं और जब तक उनको आपसे कोई खतरा महसूस नहीं होता, तब तक वह इंसान को नहीं काटती।जब वह काटती है तो बहुत ही कम मात्रा में एसिड आपके शरीर में छोड़ देती है इससे कई बार आपको पता भी नहीं चलेगा की आपको चिटी ने काटा है।[5]
भारत में लगभग 828 चींटी की प्रजातियाँ ज्ञात हैं, फिर भी हमारे आसपास के परिसर में आमतौर पर काली और लाल चीटियां पायी जाती हैं। आमतौर पर हम छोटी काली चींटियां को देखते हैं जोकि अधिकतर इंसानों को काटती नहीं लेकिन परेशान बहुत करती है। जब वह किसी के घर में निकलना शुरू कर देती है तो घर के सदस्य परेशान होते है क्योंकि वह लाखो की संख्या में आपके घर की खाने की चीजों पर हमला बोल देती है।खासकर चीनी और तत्सम मीठी चीजे उनकी नजर से नहीं बचती।
आप शायद जिन चिटियों की बात कर रहे हों दरअसल वो ये है
शुगर चिटी । बस हाथ धोकर मीठी चीजों के पीछे पड़ी रहती है।
आशा करता हूं की आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी।
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