अगर आप अभी इस site को internet पे पढ़ रहे हैं तो मैं 99.99% confidence के साथ कह सकता हूँ कि आप Google use करते होंगे . और most probably आप पहली बार या फिर आज भी इस site पर Google use कर के ही आये होंगे .
हम Google क्यों use करते हैं ?
अपने मतलब की चीज internet पर खोजने के लिए .
हम गूगल कैसे use करते हैं ?
हमें जो खोजना होता है उसके instructions Google को देते हैं और वो हमारे सामने उससे related results display कर देता है .
यानि हमारा output हमारे input पर depend करता है .
Now let’s do a small exercise:
आप Google पर type करिए : “ Why India is good”
Results पर ध्यान दीजिये .
अब टाइप करिए , “Why India is bad”
Results देखिये .
क्या हुआ …जो खोजा वो पाया … isn’t it?
Exercise को continue करते हैं :
आँखे बंद करिए और अपने mind से पूछिए , “ Why India is good?”
Mind में जो pictures आ रही हैं उसपर ध्यान दीजिये . क्या दिखा … culture, temple, Bollywood , मौसम , नेचुरल ब्यूटी , सचिन तेंदुलकर, family, people…
एक बार फिर आँखें बंद करिए और mind से question करिए , “Why India is bad?”
क्या दिखा ….गरीबी , corruption, rape , सडकें , बिजली, … जो खोजेंगे वो मिलेगा …but problem ये है कि हमें कमियां और बुराइयाँ खोजने की आदत सी पड़ गयी है …
Even अगर हम ऊपर के example की बात करें तो बहुत से लोगों (including me ) ने जब ” Why India is good ” सोचा होगा तो mind की processing slow रही होगी…थोडा जोर लगाना पड़ा होगा कि अच्छा क्या है , पर बुराई तुरंत दिखी होगी…ऐसा शायद हमारे एनवायरनमेंट की वजह से है ,जहाँ हमेशा negative news को ही अधिक coverage दी जाती है..but the important thing is कि थोडा खोजने पर अच्छाई भी दिख जाती है.
इतना याद रखिये की न गूगल और ना हमारा दिमाग हमें गलत रिजल्ट दिखायेगा….जब “good” खोजेंगे तो “good” दिखेगा, जब “bad” सोचेंगे तो “bad” दिखेगा… वे हम रोकेंगे नहीं कि, “अरे आप , अच्छी चीज क्यों नहीं खोज रहे,” या ऐसा नहीं करेंगे कि आप बुरी चीज खोजें तो खुद से आपको अच्छी चीज दिखा दें..इसलिए हमें खुद ही अलर्ट रहना होगा, और जैसा हम चाहते हैं वैसा ही सोचना होगा…
Friends, अगर हमे life में कुछ बड़ा करना है तो हमें अच्छा खोजने की आदत डालनी ही होगी ..positive सोचना होगा ….हर situation में दिमाग को सही instructions देने होंगे …क्योंकि आपका input ही आपका output decide करता है …कंप्यूटर पे ही नहीं लाइफ में भी…
हम ये नहीं कहेंगे कि , “ मैं ये क्यों नहीं कर सकता ?” हम ये कहेंगे कि “ मैं ये क्यों कर सकता हूँ ?”
हम ये नहीं दोहराएंगे कि “luck खराब है ”, हम ये सोचेंगे कि , “हम कितने lucky हैं ”
हम इस पर दिमाग खर्च करेंगे कि “सामने वाला अच्छा क्यों है ”, इस पर नहीं कि “ वो बुरा क्यों है ..”
I believe, हम अल्लााह, भगवान्, ईश्वर की बनायी हुई सबसे नायाब creation हैं , उसने हमें वो सारी खूबियाँ दी हैं जो इस life को शानदार बनाने के लिए काफी हैं …जो लोग इनका use सही ढंग से करते हैं वो महान बन जाते हैं और जो नहीं करते वो आम रह जाते हैं ….
Let’s not become ‘आम’ , let’s become ‘महान’ .
All the best..........
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