पढ़ाई में भूलने की समस्या से कैसे छुटकारा पाएं ?

पहली बात तो ये कि पढ़ी हुई चीज़े भूलना कोई बीमारी नही है।
कैसे?
क्योंकि काफी लंबी रिसर्च के बाद ये पाया गया है कि पढ़ी हुई चीज़े भूलना आम बात है, जब भी हम पढ़कर हटते है उसके मात्र कुछ 15–20 मिनटों के बाद ही हमारे दिमाग मे से पढ़ाई के 10% अंश हम भूल जाते है।
और 1–2 घण्टे बाद 25–30%
1 दिन के बाद 30–40%
1 हफ्ते बाद 50–60% और एक महीने बाद 70%
और एक साल बाद तो बस वही 5–10% पढ़ा हुआ हमे याद रहता हैं।
लेकिन इसमें निराश होने जैसी कोई बात नही है, क्योंकि भूलना हमारे दिमागी प्रक्रिया का ही हिस्सा है।
उसे अपने हिसाब से जितना याद रखना होता है या आप उसे कितना याद रखवाना चाहते हो, क्या याद करवाना चाहते हो और कितने समय तक? ये सब आपके ऊपर निर्भर करता है और वो उतना याद रखता है बाकी भूल जाता है।
अब समस्या क्या है आप सोच रहे होंगे अगर हमने पढ़ा हुआ भूलना ही होता है तो पढ़के फायदा क्या? ;)
अब इस समस्या का भी समाधान है मान लीजिए आप किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो आपके पास सिर्फ 6 महीने का समय है, और आप पढ़ना शुरू कर देते हो आपने पूरा सिलेबस पढ़ लिया। लेकिन आप जब test देने बैठ रहे हो आपको ज्यादा कुछ याद ही नही फिर आप दोबारा उस टॉपिक को पढ़ते हो और फिर से सब ताज़ा ताज़ा सा लगने लग जाता है।
अब इसका मतलब ये हुआ कि आपको चीज़ों का बार बार अभ्यास करने की ज़रूरत पड़ती है। जब आप चीज़ों को साप्ताहिक या मासिक तौर पर दोबारा पढ़ते हो तो दिमाग उस विषय को ज्यादा लंबे समय तक स्टोर करके रख सकता है, या जितने समय तक आप चाहते हो कि याद रहे। तब तक एक ही विषय को कुछ कुछ अंतराल के बाद पढ़ते रहना चाहिए।
और चीज़े वही पढ़ी जाएं जो ज़रूरी है तो दिमाग को आसानी होगी और आप परीक्षा बेहतर तरीके से दे पाओगे।
अब कई लोग कहते है ये तो एक बार मे याद कर लेती/लेता है इसे तो भूलता नही मुझे क्यों इतनी जल्दी भूल जाता है?
तो इसका जवाब है सामने वाला एकाग्रचित होकर पढ़ने में सक्षम है, वो कम तनाव में रहता है और मस्त मौला मिज़ाज़ का है। मगर ऐसा बिल्कुल भी नही है कि वो भूलता नही होगा, भूलते सभी है लेकिन कितनी रफ्तार से वो निर्भर करेगा आपके दिमागी स्वास्थय पर। आप कितने शांत है, कितना सोचते है, क्या सोचते है और क्यों सोचते है।
अब दिमागी हलचल को शांत करने और उससे बेहतर परिणाम लेने के लिए हर रोज़ योगा व्यायाम करे, दिमाग़ी कसरत करे, रक्त का संचार दिमाग तक पहुँचे, एकांत में बैठे।
तो ये सब क्रियाएँ करके आप अपने दिमाग से बेहतर परिणाम हासिल कर सकते है।
इस लेख के ज़रिए कोशिश की मैंने कि आपको इस सवाल का जवाब काफी बेहतर ढंग से दे सकूँ यदि आपको जवाब बेहतर लगा हो तो प्रोत्साहन के तौर पर Comment ज़रूर कर दें। आपकी प्रतिक्रिया से और ज्यादा अच्छा लिखने के लिए प्रोतसाहन मिलता है।
धन्यवाद

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