भारतीय टीम वर्ल्ड कप 2019 से बाहर हो चुकी है. भारतीय फैंस दुखी हैं. दुखी इसलिए भी हैं कि अब 4 साल बाद 2023 में वर्ल्ड कप खेला जाएगा. तब तक 2 अप्रैल 2011 की यादों के सहारे ही रहना होगा. सेमीफाइनल मैच में रोहित शर्मा और महेंद्र सिंह धोनी का वो रुआंसा सा चेहरा दिखा जो फैंस कभी देखना नहीं चाहते थे लेकिन आज दिलो-दिमाग में छपी हुई है. हार्दिक पंड्या, ऋषभ पंत सहित सभी निराश दिखाई दिए. सेमीफाइनल में हार के बाद लोग जानना चाहते हैं कि ड्रेसिंग रूम का माहौल कैसा था? क्या-कुछ हुआ? खिलाड़ी कितने परेशान थे? कोई रोया तो नहीं?
वर्ल्ड कप से बाहर होने के बाद इंडियन एक्सप्रेस ने भारतीय टीम के कोच रवि शास्त्री से बातचीत की है. इस बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मैंने सभी खिलाड़ियों को ड्रेसिंग रूम में बुलाया और उनसे कहा-
अपने सिर को ऊंचा करके चलो. गर्व करो. वो 30 मिनट इस बात को नहीं मिटा सकते कि आप लोगों ने हालिया दिनों में बेहतरीन परफॉर्म किया है. आप सभी इस बात को जानते हैं. एक टूर्नामेंट, एक सीरीज़ और वो भी 30 मिनट का खेल यह तय नहीं कर सकता. यह सच है कि हम बहुत आहत और निराश हैं. लेकिन अंत में, आपने पिछले दो सालों में जो किया है, उस पर गर्व करें.
जिस बॉल पर धोनी रनआउट हुए थे उस गेंद पर उनके हाथ में चोट लग गई थी. ड्रेसिंग रूम में आते हुए उन्हें दर्द हो रहा था. उन्होंने सूजे हुए हाथ को दूर रखकर अपने दाहिने हाथ से टीममेट से हाथ मिलाया.
हार को खिलाड़ियों ने कैसे लिया, के जवाब पर कोच शास्त्री ने कहा-
निराश थे लेकिन कोई आंसू नहीं. यह एक टफ टीम है. एक शानदार टीम. देखिए हमने कैसी बॉलिंग की. किस तरह से बल्लेबाजों ने बल्लेबाजी की. कुछ युवा मिडिल में आकर टीम को और मजबूत बना सकते हैं. टीम, सही रास्ते पर है. वे इसे जानते हैं. जब आप पिछले 30 महीनों से लगातार अच्छा खेलें हों और सेमीफाइनल में आकर हार जाएं तो दुख तो होता ही है. यह पचाना मुश्किल है लेकिन हम सभी खुश हैं.
रवि शास्त्री ने बताया कि लंबे वक्त से भारतीय टीम के फीजियो रहे पैट्रिक फरहार्ट हार से बहुत दुखी थे. सेमीफाइनल मैच के बाद उन्होंने टीम मैनेजमेंट से इस्तीफा दे दिया है. ऊपर फीचर फोटो में लोकेश राहुल की कंधो से जो लिपटे हुए हैं, पैट्रिक फरहार्ट हैं.
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