मैं बहुत सीधा हूं । मुझे तेज लोगों से डील करना नहीं आता, मैं काफी जल्दी नर्वस हो जाता हूं। मुझे अपने को सुधारने के लिए क्या करना चाहिए?

आपका सवाल बहुत अच्छा है पर साथ साथ बहुत कठिन भी है, मैं कोशिश करूँगा कि इसका सटीक और सरल जवाब दे सकूँ.
देखिये, किताबी ज्ञान के अलावा भी इंसान को थोड़ा बहुत दुनियादारी की समझ होना ज़रूरी है, वर्ना लोग आपका गलत फायदा उठा लेते हैं.
मैं आपको धूर्त या मक्कार बनने के लिए नहीं कह रहा पर आपको यह समझना सीखना होगा कि कौन आपका भला चाहता है और कौन आपको इस्तेमाल करना चाहता है.
चलिए, आपको पहले आपके नर्वस न होने के लिए कुछ टिप्स देता हूँ:
  1. नर्वस वो व्यक्ति होता है जिसमें कॉन्फिडेंस ( आत्मविश्वास ) की कमी होती है. सबसे पहले आप अपना आत्मविश्वास बढ़ाइए.
    अच्छी किताबें पढ़िए, अच्छे लोगों से मिलिए, अपना स्वास्थ ठीक रखिये.
  2. कसरत शुरू करिये - जब तक आपका शरीर स्वस्थ और ताकतवर नहीं होगा, आप में आत्मविश्वास नहीं आएगा.
    मैं यहाँ आपको शरीर को प्रोटीन खा कर गुब्बारा बनाने के लिए नहीं बोल रहा, मैं यह कहना चाहता हूँ कि आप अपने शरीर को सुडोल और गठीला बनाये और ताकतवर बने.
  3. अच्छा भोजन लीजिये - सिर्फ कसरत करना ही काफी नहीं है, आपको उसके साथ साथ सही भोजन लेने की भी ज़रूरत है.
    जब आप अच्छा खाते हैं तो आपका मस्तिष्क और शरीर दोनों स्वस्थ रहते हैं और ठीक से काम करते हैं. इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है.
  4. अच्छी किताबें पढ़िए - किताबें पढ़ने से आपका ज्ञान बढ़ेगा और आप चार लोगों के बीच बोल पाएंगे. अगर आपको ज्ञान ही नहीं होगा तो आप किसी के सामने क्या बोलेंगे?
    अगर ज्ञान होगा तो आपके अंदर आत्मविश्वास अपने आप आएगा.
अब आते हैं सबसे ज़रूरी टिप्स पर:
  • चतुर बनिए -

    चतुराई अक्सर यह है कि आप अन्य लोगों के सामने कैसे आते हैं, आप परिस्थितियों में विश्लेषण और अभिनय करने में कितने तेज हैं और आपके विचार कितने चतुर या रचनात्मक हैं।
  • आप सबसे अंतिम में बोलना शुरू करिये.

    यदि आप एक वार्तालाप के दौरान प्रतीक्षा करते हैं और विभिन्न प्रतिभागियों को सुनते हैं, बजाए पहले मैदान में कूदने के, तो इससे आप अधिक चतुर दिखाई देंगे.

    सबको सुनिए, ध्यान दीजिये और विश्लेषण करने के बाद ही अपना पक्ष रखिये न कि पहले अपना मुंह खोलकर और जो कुछ भी आपके सिर में आता है, उसे कहे।

    अक्सर जो व्यक्ति अंतिम बोलता है वह आमतौर पर कुछ अधिक रचनात्मक, या अधिक मूल लेकर आते हैं, जिन्हें लोग याद रखने की अधिक संभावना रखते हैं,अर्थार्थ वो आपको महत्व देते हैं और आपको ध्यान से सुनते हैं.
  • चतुर लोगों का अध्ययन करें।

    यह मत समझो कि तुम होशियारी के शिखर पर पहुंच गए हो। ऐसा कुछ नहीं है। आपको लगातार सीखने की आवश्यकता होगी, और ऐसा करने का एक अच्छा तरीका उन लोगों का अध्ययन करना है जिन्हें आप या अन्य लोग चालाक समझते हैं।

    आप लोगों को पढ़ने की कला सीखिए, यह बहुत ज़रूरी है.
    आदमी का चाल चलन कैसा है, वो किस तरह से बात कर रहा है, उसकी बॉडी लैंग्वेज, साइकोलॉजी समझिये.

    इसके लिए आपको समय और धैर्य, दोनों लगेगा. साइकोलॉजी पढ़नी शुरू करिये, लोगों के चाल चलन के बारे में जानिये. आजकल इंटरनेट पर सब कुछ मुफ्त में मिल जाता है, ढूंढिए और सीखिए.
  • अपने आप से सवाल पूछिए:
    अपने आप से पूछें कि क्या उन्हें चतुर बनता है?

    क्या उनके पास हर चीज के बारे में एक तीखी टिप्पणी है?

    क्या वे मौके पर तथ्यों और आंकड़ों के साथ आने में सक्षम हैं?

    क्या वे रचनात्मक समाधान प्रस्तुत करते हैं?

    जिन चतुर लोगों को आप जानते हैं या उनका निरीक्षण करते हैं और उन्हें अपने काम और जीवन में शामिल करते हैं, उनमें से कुछ सबसे बड़े लक्षणों को बाहर निकालें और अपने अंदर लाने का प्रयास करें.
  • जागरूक रहें-

    जागरूक रहना सीखिए, कोई कब आपका या आपसे फायदा उठाना चाह रहा है, इसका पता लगाइये, बस सिर्फ हाथ पर हाथ रखे मत बैठे रहिये.

    अगर आप जागरूक नहीं होंगे तो कोई न कोई आपको ठग कर चला जाएगा.
  • अनुभव इक्कठा कीजिये -

    देखिये आपको तेज़ होना कोई किताबी ज्ञान की तरह नहीं सिखा सकता है, इसके लिए आपको ही जतन करने होंगे.

    आप अपने अनुभवों से सीख लीजिये, अगर आपकी याददाश्त कमज़ोर है तो अपने अनुभवों को लिखना शुरू कीजिये और याद रखिये कि कब कब आपके साथ धोखा हुआ या कोई आपको ठग कर चला गया, सोचिये कि आप उस परिस्थिति में क्या कर सकते थे और अगली बार ऐसा होने से रोकिये.

    देखिये घर बैठ कर कोई तेज़ नहीं बन सकता, अनुभवों से बन सकता है.
    जीवन में अनुभव कीजिये, उनसे सीखिए और तेज़ बनिए.
  • दूसरों के उद्देश्यों पर सवाल उठाएं -

    चालाक लोग दूसरों के पहलुओं के माध्यम से देखने की अपनी क्षमता के लिए प्रसिद्ध होते हैं। लगभग हर कोई सफेद झूठ को दैनिक आधार पर बताता है - यह पूरी तरह से प्राकृतिक है।

    एक चालाक व्यक्ति किसी व्यक्ति के सच्चे इरादों को देखता है - वह ऐसा इसलिए करता है क्योंकि वह लोगों को "पढ़ने" में सक्षम बनाता है और इसलिए भी कि उसने अपना होमवर्क किया है. कभी भी किसी के सच बोलने को तब तक न मानें जब तक आपके पास साक्ष्य का समर्थन न हो।

    हालाँकि, यह भी समझदारी नहीं है कि हर कोई तुरंत झूठ बोल रहा है। किसी व्यक्ति की सच्ची प्रेरणा पर अपना सर्वश्रेष्ठ अनुमान लगाने के लिए आपके पास उपलब्ध जानकारी का उपयोग करें।
  • छोटी बारीकियां देखें -

    चालाक लोग लोगों की बारीकी से छानबीन करने से नहीं बचते हैं और छोटे विवरणों के लिए चीजों को गहरायी से देखते और परखते हैं.

    यदि आप जीवन के विवरणों पर ध्यान देते हैं, तो आप स्वयं को प्रस्तुत करने के अवसरों का फायदा उठाने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित होंगे।
चालाक और तेज़ होने में कोई बुराई नहीं है, बस आप उसको दूसरों का बुरा करने के लिए मत इस्तेमाल कीजिये.
उम्मीद करता हूँ कि मैं आपके सवाल का जवाब दे पाया होऊंगा.

Post a Comment

0 Comments