एक टेस्ट मैच। निचले क्रम द्वारा 300 से अधिक रन (4 अर्द्धशतक सहित) बनाए गए। उनमें से एक ने मैच को बचाया और ऐसा करते हुए विश्व रिकॉर्ड बनाया।
2014 में, भारत ने 5 टेस्ट, 5 एकदिवसीय और एक टी20 के लिए इंग्लैंड का दौरा किया (जून 22 - सितंबर 7)।
3 टूर मैच (लीसेस्टरशायर के खिलाफ ड्रा, डर्बीशायर और मिडलसेक्स के खिलाफ जीत) के बाद भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट ट्रेंट ब्रिज में 9-13 जुलाई को खेला।
ट्रेंट ब्रिज टेस्ट कई कारणों से अलग था, उनमें से एक कारण था निचले क्रम का बल्लेबाजी में योगदान।
पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने मुरली विजय के 146 और एमएस धोनी के 82 रनों के साथ 457 रन बनाए। आश्चर्य की बात यह रही कि भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी ने 9वें और 11वें स्थान पर बल्लेबाज़ी करते हुए 58 और 51* रन बनाए (भुवी ने दूसरी पारी में भी 63* रन बनाए)
इंग्लैंड ने खुद को तीसरे दिन 202/7 पर संघर्ष करते हुए पाया। जो रूट दुसरे छोर से पारी को बिखरते देख रहे थे। फिर उनके निचले क्रम के दो खिलाड़ीयों ने कुछ अलग बल्लेबाजी की।
रूट की मदद करते हुए 9वें खिलाडी स्टुअर्ट ब्रॉड ने 111.90 के स्ट्राइक रेट से 47 रन बनाए। ब्रॉड और लियाम प्लंकेट के जाने के बाद इंग्लैंड 159 रन पीछे (298/9) चल रहा था और अंतिम (11वें) बल्लेबाज जेम्स एंडरसन बल्लेबाजी करने आए।
आगे जो हुआ, वो कुछ अलग ही था...
रूट और एंडरसन ने एक साथ 198 रन बनाकर इंग्लैंड को 496 रन (39 रन आगे) तक पहुंचाया। इस साझेदारी ने 10वीं विकेट की सर्वश्रेष्ठ साझेदारी का नया विश्व रिकॉर्ड बनाया (163 रन के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ा)।
11वें खिलाडी एंडरसन ने 130 गेंदों पर 81 रन बनाए, जिसमें 17 चौके शामिल थे (रूट की 154* रन की पारी के 15 चौकों से भी ज्यादा)। एंडरसन के आने से पहले तक भारत को जीत की उम्मीद थी।
एंडरसन को मैच बचाने वाले 81 रन बनाने और 4 विकेट लेने के लिए 'प्लेयर ऑफ द मैच' से सम्मानित किया गया।
ट्रेंट ब्रिज टेस्ट के बारे में अन्य तथ्य:
- 198 रन की साझेदारी ने कुछ दिलचस्प रिकॉर्ड बनाए:
- 10वीं विकेट की साझेदारी का विश्व रिकॉर्ड। (198 रन)
- 11वें खिलाड़ी द्वारा बनाया गया तीसरा सबसे बड़ा स्कोर (81 रन)
- 300 या अधिक गेंद खेलने वाली अंतिम विकेट की जोड़ी का एकमात्र उदाहरण।
- दोनों पक्षों की 10वीं विकेट की जोड़ी ने कुल 309 रन बनाए, जो एक टेस्ट मैच में आखिरी विकेट के लिए सबसे अधिक है।
- ईशांत शर्मा तीन बार एक पारी में 150+ रन देने वाले एकमात्र भारतीय तेज गेंदबाज बने।
- निचले क्रम के चार बल्लेबाजों ने 237 रन बनाए, जबकि चार सलामी बल्लेबाजों ने 222 रन बनाए।
- टेस्ट के बाद मैच रेफरी डेविड बून द्वारा ट्रेंट ब्रिज की पिच को "खराब" दर्जा दिया गया (बल्लेबाजी और विशेषकर गेंदबाजी दोनों के लिए)। 5 दिनों में सिर्फ 29 विकेट गिरे (परिणामस्वरूप 1300 से अधिक रन बने)। आईसीसी ने पिच की स्थिति के बारे में ईसीबी और नॉटिंघमशायर (ट्रेंट ब्रिज) को चेतावनी दी और 2 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा।
- रिकॉर्ड-तोड़ 198 रन की साझेदारी के बाद कहानी बदल गई थी। 184 रनों पर 6 बल्लेबाजों गवाने के बाद भारत सिर्फ 145 रन आगे था। उसके बाद अगर इंग्लैंड अगले 9 ओवर में भारत को आल-आउट कर देता, तब भी उनके पास इंग्लैंड लगभग 50 ओवर बच जाते लक्ष्य को पूरा करके जीतने में। लेकिन, भुवी फिर से अच्छी पारी खेलने के इरादे से आए। उन्होंने सुरक्षा का आश्वासन दिया और नाबाद 63 रन बनाते हुए भारत की पारी को 391/9 तक ले गए।
- टेस्ट के दुसरे दिन रवींद्र जडेजा और एंडरसन के बीच विवाद हुआ, जिसके दौरान एंडरसन ने कथित रूप से जडेजा को ड्रेसिंग रूम में धक्का दिया। दोनों खिलाड़ियों को शुरू में अपराध के लिए आरोपित किया गया था (एंडरसन के लिए स्तर 3 और जडेजा के लिए स्तर 2) लेकिन अंततः आरोप हटा दिए गए और दोनों को दोषी नहीं पाया गया।
- भुवी भी 'प्लेयर ऑफ़ द मैच' पुरस्कार के लिए एक प्रबल दावेदार थे। बल्ले के साथ बेहतरीन 58 और 63* रन बनाने के अलावा उन्होंने सिर्फ 2.65 की इकॉनमी से 5 विकेट भी लिए।
- ट्रेंट ब्रिज टेस्ट स्टुअर्ट बिन्नी का टेस्ट डेब्यू था। उन्होंने दूसरी पारी में अर्धशतक (78 रन) बनाया। बिन्नी को टीम में ऑल-राउंडर के रूप में लाने में टीम प्रबंधन ने दिलचस्पी दिखाई थी। मैच के बाद की प्रस्तुति के दौरान धोनी ने उनकी प्रशंसा की और उनमें आत्मविश्वास दिखाया।
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