कॉलेज में पढ़ रहा छात्र अपना जेबखर्च कमाने के लिए क्या कर सकता है?





अगर आपके शहर में जोमाटो, स्विग्गी, उबेर इट्स और फ़ूडपांडा जैसी फ़ूड डिलीवरी कंपनियां हैं तो कॉलेज में पढ़ रहा छात्र इन में से किसी भी कंपनी से जुड़कर पार्ट टाइम काम करके अपना जेबखर्च निकाल सकता है। सबके बारे में तो नहीं जानता , लेकिन जोमाटो के बारे में जानता  हूँ।
एक बार मैंने और मेरे दोस्त ने मेरे घर पर जोमाटो से खाना मंगवाया था, जो डिलीवरी बॉय खाना लेकर आया वो मेरे दोस्त को जानता था।
उसने बताया की वह एक छात्र है और पार्ट टाइम इस काम को करता है।
हर डिलीवरी पे जोमाटो उसको 35 रुपये देती है। और उसके पास हौंडा की इलेक्ट्रिक स्कूटी है जिसकी बैटरी वह अपने कॉलेज के पार्किंग में ही चार्ज कर लेता है। तो उसको पेट्रोल के खर्चे का टेंशन नहीं है।
3–4 घंटे काम करके वह एक दिन में 10 डिलीवरी के एवरेज से काम कर लेता है। मतलब 350 रुपये एक दिन के कमाता है। उस हसाब से 10,000 के आसपास महीने में कमा लेता है।
उसने यह भी बताया की अगर कोई व्यक्ति यहां फुल टाइम काम करे, मतलब रोज़ के 9 घंटे काम करे, तो अगर उसकी मासिक कमाई 18,000 से कम होती है, तो जोमाटो अपनी जेब से 18,000 रुपये उसको देती है। मतलब की 18,000 रुपये मासिक कमाई की गारंटी है अगर कोई जोमाटो में फुल टाइम डिलीवरी का काम करे तो।
बाकी फ़ूड डिलीवरी कंपनियों की भी इसी से मिलती जुलती रणनीति होगी। अगर कोई छात्र यह काम करना चाहता है तो उसको चाहिए एक बाइक या स्कूटी और एक स्मार्टफोन।
सारे फ़ूड डिलीवरी कंपनियों से संपर्क करें और समझ लें की वह किस प्रकार आपको पेमेंट करते हैं और आपके इलाके से सबसे ज्यादा आर्डर किस कंपनी को जाता है, उसके बाद एक सही फैसला लें।

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