यदि मैं फोन को 100% चार्ज होने के बाद भी चार्ज पर लगा रहने दूं, तो क्या होगा?

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पहले मैं भी यही सोचता था कि मोबाइल को पूरी रात चार्जिंग पर छोड़ दिया जाय तो क्या होगा? आये दिन अखबारों में पढ़ने को मिलता है कि मोबाइल की बैटरी फटने से फलां जगह आग लग गई, किसी का हाथ ब्लास्ट हो गया वगैरह वगैरह…, परंतु ऐसी न्यूज़ देने वाले पत्रकार ये कभी नही बताते कि जो घटना घटी है वो किस तरह के कारणों से हुई। मसलन कई बार कुछ जुगाड़ू किस्म के लोग चार्जर खराब होने पर उसकी तार काट कर दूसरे चार्जर पर जोड़ देते हैं, हो सकता है कि उस चार्जर का आउटपुट मोबाइल के चार्जिंग पैटर्न से मैच न कर रहा हो, इससे सर्किट में अत्यधिक करंट पास होता है और ऐसे मामलों में बैटरी leak, malfunction, blast या आग लगने जैसी घटनाएं हो सकती हैं। कभी कोई बिल्कुल ही अलग किस्म का चार्जर किसी बिल्कुल अलग किस्म के मोबाईल पर जोड़ दे तो क्या कुछ नही हो सकता। इसीलिए मोबाइल कंपनियां स्पष्ट रूप से मैन्युअल पर लिख देती हैं कि Use Only Original Charger. इसलिए हमेशा वही चार्जर इस्तेमाल करें जो उस कंपनी के द्वारा बनाया गया हो जिसका मोबाइल है। कभी भी सस्ते या दुकानदार के कहने पर कि फलां चार्जर ओरिजिनल जैसा ही है, मत खरीदें यहां तक कि चार्जर का USB केबल भी कोशिश करें कि ओरिजिनल हो।

एक बात और कि यदि आप मोबाइल को गर्मियों के मौसम में या कार के अंदर या बिस्तर के रजाई गद्दे जैसी किसी भी जगह चार्ज कर रहे हों, उसका बैक कवर निकाल देना चाहिए। आजकल बड़े अजब गजब के बैक कवर या मोबाइल पैकेट जैसे कवर आ रहे हैं जिनमे से मोबाइल बिल्कुल भी दिखता नही है। ये कितना गंभीर हो सकता है इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है, लोग अपने कीमती मोबाइल को गिर कर टूटने से बचने की लिए बड़े हैवी किस्म के पाउच इस्तेमाल करने लगे है जिससे चार्जिंग के समय, बात करते समय या इंटरनेट इस्तेमाल करते समय मोबाइल की गर्मी को बाहर निकलने की जगह नही मिलती ओर दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है, साथ ही अत्यधिक गर्मी की वजह से बैटरी की परफॉर्मेंस और लाइफ पर भी बुरा असर पड़ता है। बाद में यही लापरवाही समाचर पत्रो का हिस्सा बन जाती है।

बाकी बात है फुल चार्ज होने के बाद चार्जर पर लगे रहने की तो निश्चिंत हो जाइए। मोबाइल की बैटरी फुल चार्ज होने पर स्वतः ही पावर कट कर जाती है, इसके लिए मोबाइल और बैटरी दोनों में ही इलेक्ट्रॉनिक रिले और सेंसर लगा रहता है जो मोबाइल के चार्जिंग पैटर्न को समझ लेता है और फुल चार्ज होते ही रिले बंद करने का संदेश दे देता है, ये पूरी तरह ऑटोमैटिक होता है। आजकल के एडवांस फ़ास्ट हो चाहे स्लो चार्जर, उनमे भी ऐसी सर्किट व्यवस्था होती है कि मोबाइल से कट ऑफ संदेश मिलते ही चार्जर भी अपना ट्रांसफार्मर ऑफ कर देता है। सामान्य गर्म तो कोई बात नही परंतु यदि इस दौरान आपका मोबाइल, या चार्जर बेहद गर्म हो रहा हैतो आपको तुरंत सर्विस सेंटर का रुख करना चाहिए। चार्जिंग के दौरान मोबाइल का तापमान 30 डिग्री से0 से 40 डिग्री से0 पहुचना आम बात है। अतः आप रातभर ही नही बल्कि कई दिनों तक भी मोबाइल प्लग इन चार्जर पर छोड़ दें तो भी चिन्ता की कोई बात नही है। जैसे ही बैटरी कम होगी तुरन्त रिले शुरू हो जाएगा और फुल होते ही अपने आप बन्द हो जाएगा। हां सेफ्टी के तौर पर मोबाइल के बैटरी केअर मैन्युअल में जरूर लिखा जाता है कि ओवरनाइट चार्जिंग न करें, या फुल चार्ज होने पर प्लग आउट कर दें। पर ये सिर्फ फॉर्मेलिटी निभाने जैसा है बल्कि आपको एक बात स्पष्ट कर दूं कि आज कल जिस प्रकार मोबाइल में वीडियो कंटेंट देखने की समय सीमा बढ़ रही है तो उससे बैटरी जल्दी जल्दी खत्म होती है और फिर उतनी ही बार उसे फुल चार्ज करने होने हैं , इससे बैटरी की लाइफ साईकल बेहद कम हो जाती है, अतः आप को जब भी मोबाइल में मूवी वग़ैरह देखना हो तो उसे फुल चार्ज करने के बाद प्लग इन करें और बैक कवर निकाल दें और वीडियो का आनंद लें, इससे आपकी बैटरी डिस्चार्ज नही होगी और उसकी लाइफ भी बनी रहेगी।

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