इरफ़ान पठान और हरभजन सिंह अब फ़िल्मों में करने जा रहे हैं डेब्यू

103 टेस्ट मैचों में 417 विकेट, 236 एकदिवसीय मुक़ाबलों में 269 विकेट तो 28 टी-20 में 25 विकेट लेने वाले हरभजन सिंह फ़िल्मों में डेब्यू करने जा रहे हैं.
हरभजन सिंह ही नहीं बल्कि अपनी तेज़ गेंदबाज़ी से प्रतिद्वंदी टीम के बल्लेबाज़ों को चकमा देने वाले इरफ़ान पठान भी इसी राह पर चल पड़े हैं.
लेकिन भारतीय टीम के ये दोनों खिलाड़ी बॉलीवुड से नहीं बल्कि कौलीवुड यानी कि तमिल फ़िल्मों से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत करने जा रहे हैं.
हरभजन सिंह, इरफ़ान पठान
इरफ़ान पठान फ़िल्म 'विक्रम 58' में अहम भूमिका में नज़र आएंगे तो स्पिनर हरभजन सिंह फ़िल्म 'डिक्किलूना' से डेब्यू करेंगे.
अजय नानामुथु निर्देशित 'विक्रम 58' में इरफ़ान तमिल फ़िल्मों के मशहूर अभिनेता चियान विक्रम के साथ नज़र आएंगे. फ़िलहाल फ़िल्म का टाइटल 'विक्रम 58' है लेकिन यह बदला भी जा सकता है.
ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, ''नया काम और नई चुनौती के लिए तैयार.'' उन्होंने वीडियो में अपने क्रिकेट करियर के आंकड़े भी शेयर किए. इसमें उन्होंने बताया कि यह उनके अभिनय करियर की पहली फ़िल्म है और वे आगे भी इसमें काम करेंगे.
उन्होंने अपने तमिलभाषी फ़ैन्स के लिए ट्विटर पर तमिल भाषा में भी इस बात का ज़िक्र किया.
इस फ़िल्म में ए.आर रहमान संगीतकार होंगे.
हरभजन सिंह भी अपनी फ़िल्मी पारी की शुरुआत तमिल फ़िल्म 'डिक्किलूना' से करेंगे. यह फ़िल्म कार्तिक योगी डायरेक्ट कर रहे हैं. हरभजन ने अपनी फ़ोटो शेयर करते हुए लिखा, ''तमिल सिनेमा से मेरा डेब्यू हो रहा है. प्रोडक्शन टीम का शुक्रिया. इन रिश्तों को बयां करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं.''
क्रिकेटर पहले भी फ़िल्मों में काम कर चुके हैं
टेस्ट मैच में हैट्रिक लेने वाले भारत के ये दो गेंदबाज़ पहले नहीं हैं जो सिनेमा के पर्दे पर अपनी पारी शुरू कर रहे हैं.
पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी द लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर भी बल्लेबाज़ी करते हुए फ़िल्मों के रंग में रंग चुके हैं.
वह 1980 में आई मराठी फ़िल्म 'सावली प्रेमाची' में काम कर चुके हैं. उस समय सुनील गावस्कर भारतीय टीम के सदस्य थे.
सुनील गावस्कर
इसके बाद 1988 में हिंदी फ़िल्म 'मालामाल' में काम किया. नसीरुद्दीन शाह ने 'मालामाल' फ़िल्म में काम किया था और सुनील गावस्कर उसमें मेहमान भूमिका में क्रिकेटर का रोल अदा करते नज़र आए थे.
यही नहीं उन्होंने एक मराठी गीत "ये दुनीमाधये थम्बायाला वेल कोनला" भी गाया है.
1985 में सैय्यद किरमानी फ़िल्म 'कभी अजनबी थे' में खलनायक की भूमिका में दिखे. मज़े की बात ये है कि इस फ़िल्म में विलेन सैय्यद किरमानी बने थे तो भारतीय खिलाड़ी रहे संदीप पाटिल हीरो की भूमिका में थे. इस फ़िल्म में क्रिकेट खेलते हुए 21 बच्चों की ज़रूरत थी. आपको जानकर हैरानी होगाी कि उन 21 बच्चों में 10 साल के सचिन तेंदुल्कर भी थे.
किरमानी ने 2015 में आई मलयालम फ़िल्म 'मझाविलिनट्टम वारे' में भी काम किया.
साल 2002 में संजय दत्त और सुनील शेट्टी की फ़िल्म 'अनर्थ' में विनोद कांबली नज़र आए.
विनोद कांबली
अजय जडेजा ने मैच फ़िक्सिंग स्कैंडल में फंसने के बाद 2003 में फ़िल्म 'खेल' से बॉलीवुड में क़दम रखा था.
अजय जडेजा
2004 में कपिल देव मेहमान भूमिका में 'इक़बाल' और 2005 में आई फ़िल्म 'मुझसे शादी करोगी' में दिखे थे.
श्रीसंत ने इसी साल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आई फ़िल्म 'कैबरे' में अहम किरदार निभाया था.
इन नामों की भीड़ में ऐसे कई खिलाड़ियों के नाम है जिन्होंने रंगीन पर्दे पर बतौर नायक, खलनायक या मेहमान भूमिका में अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश की और कर रहे हैं.
ग्लामर और खेल की दुनिया का नाता केवल शादी के जोड़ों तक सीमित नहीं है बल्कि हरभजन सिंह और इरफ़ान पठान अब बल्ला-गेंद मैदान पर छोड़, कलाकार की रेखा को रुपहले पर्दे पर खींचना चाहते हैं.

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