यह लेख किसी और की है जिसे मैंने इस सवाल का जवाब देने के लिए लिखा हूँ
यह लगभग 50 दिन पहले की बात है।
मैं घर पर बेरोज़गार बैठा था। मेरे पैसे धीरे धीरे खत्म हो रहे थे और मेरे परिवार वालो का धैर्य भी।
मैं हैदराबद गया, पुणे गया। वहाँ काम तो मिल रहा था लेकिन मेरे कौशल के बराबर नही। मुझे पता था कि मुझे अपनी कला और ज्ञान को और बढाने की जरूरत थी।
25 की उम्र में दीवारों को ताकतें हुए मैं सोच रहा था,
"क्या जीवन में कभी कुछ कर भी पाएंगे या ज़िंदगी भर इसी सोफे पर बैठे रहेंगे।"
आता होगा ना तुम्हे भी यह विचार? गुस्सा आता है ना यह सोच कर की तुमसे कम टैलेंटेड लोग जीवन मे बहुत आगे बढ़ चुके है?
यह गुस्सा अच्छी बात है, यह आपके अंदर की ज्वाला है।
आज मैं सिर्फ मेरे जैसे पूर्व बेरोजगार ही नही बल्कि 70-80% युवाओं की बात करना चाहता हु।
हमारी पीढ़ी अब तक कि सबसे आरामदायक और सुख सुविधाओं से लैस पीढ़ी है।
खाने से लेकर जूते चप्पल तक। हमे हिलना भी नही पड़ता, सबकुछ हमारी उंगलियों पर है।
हमारे पास इंटरनेट है, जिसके माध्यम से हम कुछ भी कला सीख सकते है, हम कोई भी किताब पढ़ सकते है, कोई भी कोर्स कर सकते है, कितने भी सफल इंसान को सुन सकते है, कितने भी लोगो तक अपना संदेश पहुँचा सकते है।
लेकिन 70-80% युवा खाली समय मे करते क्या है?
दिन भर इंस्टाग्राम पर पोस्ट और स्टोरीज देखते रहते है। और अगर कोई सुंदर लड़की या हैंडसम लड़के का फोटो दिखा तो उन्हें मैसेज कर देते है, फिर घंटो उनसे चैट चलती है। थोड़े समय बाद वह कहाँ गायब हो जाते है हमे समझ ही नही आता।
मॉडल्स और एक्टर्स के फोटो लाइक करते रहते है। हमे समझना चाहिए की वह आपकी और मेरी तरह सिर्फ इंसान है। उनकी ज़िंदगी बन चुकी है, क्यो पूजते है हम युवा उन्हें इतना?
हम दिन भर फेसबुक चलाते है। Memes शेयर करने में बड़ा मजा आता है ना? भाई साहब आपकी ज़िंदगी एक meme बन चुकी है, पहले उसे सुधार ले?
यूट्यूब पर दिन भर देखते रहते है कि आज तैमूर अली खान ने कितनी बार सुसु करी, दीपिका पादुकोण ने किस तरह के कपड़े पहने, कौनसे एक्टर ने कौनसी एक्ट्रेस को किस किया, पाकिस्तानी चैनल भारत के बारे में क्या सोचते है, अमेरिकी लोगो का भारतीय फिल्मों पर क्या रिएक्शन है, लेटस्ट कॉमेडी वीडियो कौन सा आया, या एक बिल्ली तबला बजाते हुए कैसी दिखती है।
कितनी बार हम यूट्यूब पर पढ़ाई या खुद की उन्नति से संबंधीत कुछ देखते है?
हम टिक टॉक और पब जी की बात करे। ऐसे मंचो पर सफल होकर हम विजयी भावना से ओत प्रोत हो जाते है और उन्हें सब से शेयर भी करते है। क्या सच मे हम युवाओं के सपने इतने छोटे है? क्या यही हमारे लिए सफलता की परिभाषा है?
आइए हम हमारे रोल मॉडल्स की बात करते है। कौन है हमारे रोल मॉडल्स?
सलमान खान? जोनी सीन्स (स्टड)? टाइगर श्रॉफ? रणवीर सिंह? किम कार्दिशन? श्रद्धा कपूर? तैमूर अली खान?
सोशल मीडिया पर करोड़ो फॉलोवर्स है इन लोगो के।
कहाँ गए रतन टाटा, बिल गेट्स, अब्दुल कलाम, धीरूभाई अंबानी, इसरो चीफ सिवन के फॉलोवर्स? कितने फॉलोवर्स है इन लोगो के?
और वह दोस्त, जो खुद भी वेले है और हमे भी पार्टियों में जाने के लिए दारू का लालच देकर साथ ले जाते है। दूर रहिए ऐसे लोगो से। वह खुद तो औसत है ही आपको भी औसत बना रहे है।
मैं भी 50 दिन पहले बेरोजगार था। लेकिन मैंने खुद से यह वादा किया था की जब तक मुझे मेरे कौशल की जॉब नही मिल जाती मैं इंस्टाग्राम, कोरा, फेसबुक सब से हट जाऊंगा एवं Google Adwords सॉफ्टवेयर के बारे में पढ़ने में सारी शक्ति लगा दूंगा। मैंने Google Adwords सॉफ्टवेयर का ऑनलाइन कोर्स खरीदा, उसके लेख पढ़ कर उसका ज्ञान बढ़ाया।
आज Google Adwords में मेरे पास 3 जॉब्स है। जॉब मिलने के बाद मैं बाहर घूमने गया था।
हम लोगों को पढ़ना नही है, लेकिन हमे पैसे करोड़ो में कमाने है। ऐसा नही होता।
बहुत ठोकर खाकर मैंने एक चीज़ सीखी है। आज के जमाने मे विद्या और ज्ञान ही सबसे बडी ताकत है। जिसको जितना ज्ञान है, उसकी उतनी कीमत है। ज्ञान हो तो जॉब्स मिलती है।
आपके अंदर भी कुछ तो कला होगी। खुद के साथ वक़्त बिताओ, जानो खुद को, जवाब अपने आप मिलेंगे।
जो चीज़ पसंद है इंटरनेट पर पढ़िए उसके बारे में। उस फील्ड का ज्ञान रखने वाले लोगो के वीडियो देखो यूट्यूब पर। किताबे पढ़ो उससे संबंधित। सफ़लता की कहानियां पढ़े। अपने आप ज्वाला जागेगी आपके अंदर भी।
हमारे देश मे बेरोज़गारी है, और मैं मानता हूं कि सरकार की ज़िम्मेदारी है नौकरियां लेकर आना, लेकिन हम युवा कितनी कोशिशें कर रहे है, यह पूछना बहुत आवश्यक है।
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