कुछ ख़ास नहीं
पर इस दुनिया की जानकारी जरूर मिली। होस्टिंग (Hosting), डोमेन (Domain), प्लगइन (plugins), एस.ई.ओ. (SEO), बैकलिंक (Backlink), ट्रैफिक ( Traffic), एडसेंस (Adsense) जैसे तकनिकी शब्दों से वास्ता हुआ। पहले -पहल तो ये सब पहेली ही थे।लेकिन धीरे- धीरे कुछ समझा। और खुद से ही शुरुआत हुई।
लिखने का शौक है तो आसानी लगी। पहले साइट बनाना पहाड़ था फिर कंटेंट बनाना पर्वत हो गया।मेहनत की कुछ फायदा होता दिखा।
अब बारी थी एडसेंस की। 6 माह बाद आवेदन किया। रोज़ मेल चेक करता पर जल्द ही ख़ुशख़बरी मिल गई। कुछ रोज में ही अप्रूवल आ गया।
अब प्रोत्साहित हो कर कार्य शुरू हुआ। कुछ होता हुआ भी दिखा। रैंकिंग सुधरने लगी थी। फ्रंट पेज पर आ ही गयाआखिर।
एड्रेस वेरिफिकेशन भी हो ही गई आखिर। यहाँ तक का सफर 8 माह का है। पर ये समझ आ गया जितना बोलते है उतना सरल नहीं। क्योंकि मेहनत बहुत है। सलाम उनको जो कामयाब है। उनकी मेहनत है।
मेरा तो अभी जारी है प्रयास । ज्यादा बताने लायक कुछ नहीं।
जरूरी बातें जो मैंने सीखी
- मुश्किल कुछ नहीं।
- जल्दबाज़ी परेशानी लायेगी बाकी कुछ नहीं।
- एक-एक कदम रखें। सभी एक साथ न उठायें।
- इंटरनेट पर अधूरी जानकारी भी मिलेगी।
- मदद के लिए इंटरनेट पर बैठे बंधू जवाब कम ही देते है। खुद सर्च करें।
- आपको खुद ही आगे बढ़ना होगा। वरना अपना पैसा गवाना होगा। सब कुछ बिक रहा है।
- किसी अमान्य तरकीब का प्रयोग न करें। गूगल घास नहीं खाता।
- जितना हो सके विज़िटर को समझे, उनकी जरूरतें समझे फिर सामग्री बनायें।
- हर जगह अपनी साइट का ढिंढोरा न पीटें।
बाकी इंटरनेट है खूब पढ़ें, देखें, समझे, और जाने फिर शुरू करें।
यह मुश्किल नहीं पर मेहनत और समय मांगता है। अगर दोनों प्रचूर मात्रा में है तो कामयाबी आपकी वरना इतना कम की आपका गुजारा नहीं होगा।
शुभकामनाएं, अपने यहाँ तक पढ़ा। इसका मतलब आप सीरियस है। यहाँ सीरियस ही कामयाब होते है। यही मैं कहना चाह रहा था।
आखिरी बात
जो सफल है उनकी कामयाबी देख अति उत्साहित न हों। न ही डरें की आपसे पहले बहुत काम हो चूका है। आपने अभी तक नहीं किया है। शुरू हो जाइये।
कुछ ठीक लगा तो कमेंटबॉक्स आपके हवाले । और शेयर तो आप कर ही सकते है।
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