बंदुक और चाकु से खतरनाक हथियार जीभ और शब्द होते है, इसकी समझ आती है।
आखिर चोर चोरी क्यों करता है? इसका कारण समझमें आता है।
किसीसे गलती होने पर उसे माफ़ करने का हौसला आता है।
कहां पे बोलना चाहिए और कहां पे शांत बैठना है, उसकि समझ आ जाती है।
मां-बाप कि किमत समझ आती है।
ब्रेकअप, तलाक़, प्रियजनों कि मृत्यु...." इन बातों से जीवन समाप्त होता है।" यह गलतफहमी खत्म होती है। यह घटनाएं भी सामान्य लगने लगती है।
सोशल मीडिया पर जो लोग हंसती हुई तस्वीरें दिखाते है, हकीकत में वो लोग कितने दुखी होते हैं, वो समझ मे आता है।
प्यार और हवस का अंतर समझ में आ जाता है।
स्वास्थ्य सबसे अनमोल संपत्ति होती है यह बात समझने लगती है।
सच्चे आचरण से किताबें पढ़ने वाले लोग अगर हार भी जाते हैं, फिर भी वह आत्महत्या का खयाल अपने दिमाग़ में नहीं लाते।
जिसके पास करोड़ों की संपत्ति होती है उसमें गरीब नजर आता है, और जो दिन के 50–100 कमाता है उस आदमी में अमीर नजर आने लगता है।
जीवन में शिक्षा का महत्व समझ आने लगता है।
फिल्मों में नाटक करनेवाले कलाकार तो सबको नज़र आते हैं, लेकिन रोजमर्रा के जीवन में बहुत लोग अच्छी तरह नाटक कर लेते है यह सिर्फ ज्यादा किताबें पढ़नेवाला अनुभवी व्यक्ति पहचान सकता है।
ज़्यादा किताबें पढ़ने वालें लोगों को सिर्फ एक ही जात पता होती है, वो है मानवता।
हारे हुए इंसान को प्रेरित करने से वो इंसान फिरसे जित सकता है, ये उन लोगों को अच्छी तरह मालुम होता है।
यह भी समझ आती है कि - इस धरती पर 1% अच्छे लोग हैं और 1% बुरे लोग हैं, बचे हुए 98% मतलब हम सब लोग सिर्फ अनुयायी है। कुछ लोग अच्छे लोगों का अनुकरण करके अच्छे बनते हैं और कुछ लोग बुरे लोगों के पीछे भागकर बुरे बन जाते हैं।
ज़्यादा किताबें पढ़ने वाले लोग समय-समय पर अपना चष्मा(नजरिया) साफ करते है, ना की किसी पर किचड़ उछालते है।
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