हां, बिल्कुल। गूगल हमें बेवकूफ ही तो बना रहा है कुछ मायनों में।
गूगल द्वारा आपके हर क्रिया कलापों, बातचीत, इंटरनेट हिस्ट्री, आपके तौर तरीके, यहां तक कि आपकी दिनचर्या के हर हिस्से का हिसाब रखा जा रहा है।
- गूगल फिट आपकी नींद, सोने के तरीके, व्यायाम आदि पर नजर रखता है।
- गूगल मैप चाल चलन, मतलब घर से ऑफिस और ऑफिस से घर के बीच कहां कहां जाते हो यह भी ध्यान रखता है। (कृपया ध्यान रखें।)
- गूगल क्रोम की याददाश्त आपसे और आजतक से ज्यादा तेज़ है। आपने क्या देखा, क्या छुपाया, नेट से चुराया (मतलब कॉपी और डाउनलोड किया) और क्या देखने जा रहे हो दो तीन शब्द टाइप करते है याद दिला देता है और अगर आप ब्राउजिंग हिस्ट्री क्लीन करके खुद को कम्प्यूटर का मास्टर (तुर्रम खां) समझते हो तो आपकी जानकारी के लिए बात दूं, आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री गूगल के सर्वर पर सेव रहती है।
- गूगल असिस्टेंट तो आप साथ हमसाए (बीवी के बाद) की तरह रहता है, अगर आप एंड्रॉयड यूजर हैं तो। आपकी हर बातचीत, शब्द और यहां तक कि कभी कभी मन की बात (इस पर किसी एक व्यक्ति का कॉपीराइट नहीं है) भी समझ लेता है।
आप क्या देखना चाहते हो आप उससे पूछ सकते हो मगर वो दिखाएगा तो आपने मन (गूगल एडवर्ड्स) की ही, जबरदस्ती।
यहां में अपने साथ ही हुए एक आपबीती को उदाहरण के तौर पर देना चाहता हूं-
शायद ही अपने ध्यान दिया ही की हम आपस में जो भी बात करते हैं अगर वह किसी उत्पाद से जुड़ा हुआ हो या ऑनलाइन किसी चीज़ से संबंध रखता हो तो वह उत्पाद या वस्तु आपके यूट्यूब फीड या ब्राउजिंग करते वक़्त एड के रूप में सामने दिखाई देने लगती है।
मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ एक चाय की दुकान पर चाय पी रहा था, साथ ही हम लोग आपस में हंसी मजाक और बातचीत भी कर रहे थे। चाय की दुकान मैं एंड्रॉयड टीवी पर एक यूट्यूब चैनल का वीडियो चल रहा था। जो मैंने कभी नहीं सुना था नहीं सर्च किया था। आजतक उसका एड या यूट्यूब द्वारा सुझाव भी मेरे फीड में नहीं आया था, जबकि उस चैनल के 10 मिलियन सब्सक्राइबर थे।
मैने दुकानदार से पूछा ये कौन सा यूट्यूब चैनल है तो उन्होंने उस चैनल का नाम बताया और यह भी कि इसके इतने मिलियन व्यूज़ और सब्सक्राइबर हैं। मैं हैरान था, फिर हम लोग वापस घर आ गए और इस बातचीत को भूल गये।
अगले दिन दोपहर जब दोपहर में यूट्यूब पर अपने कार्य से संबंधित वीडियो देख रहा था, तब मुझे उक्त चैनल का नाम सुझाव एवं फीड में दिखाई देने लगा। यह मेरे लिए आश्चर्यचकित कर देने वाला पल था।
यह इसलिए होता है क्योंकि लगभग हर मोबाईल एंड्रॉयड पर होता है जो गूगल का ऑपरेटिंग सिस्टम है। गूगल असिस्टेंट भी हर मोबाइल में होता है और यह गुप्त रूप से आपकी आपसी बातचीत (वो भी जो मोबाइल कॉलिंग के इतर की जाती है) रिकॉर्ड करके गूगल के सर्वर पर भेजता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा इस डाटा का प्रयोग करते हुए विज्ञापनदाताओं से विज्ञापन लेकर आपको दिखाने लगता है। इससे गूगल की कमाई होती है, और आपको लगता है गूगल फ़्री है! कमाल करते हो!
आप कितने शरीफ़ हो यह सिर्फ अल्लाह जानता है या फिर गूगल।
इसलिए मोबाईल, इंटरनेट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग सावधानी पूर्वक करें।
सुझाव और टिप्पणी का स्वागत है।
आगर आप भी मेरी बात से सहमत हों तो और लोगों को भी जागरुक करें।
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box.