खरीदने वाले है स्मार्टफोन तोह जान ले कुछ बातें


21स्वी सदी मैं  स्मार्टफोन आपका एक स्मार्ट कम्पैनियन हो सकता है बशर्ते। अपने अपनी सूझ बुसे उसे खरीदा हो। आइये जानलेते हैं उन खास 10 चीजों को जिनसे आप अपनी मेहनत की कमाई को सही जगह इन्वेस्ट करेंगे।
                                                                       

आप चाहते क्या हो?

स्मार्टफोन खरीदने के पहले एक अहम बात गांठ बांध लें, जैसी जरूरत वैसा फोन। आप वही प्रोडक्ट खरीदें जो आपके यूज के हिसाब से हो। दिखावे के चक्कर में बिल्कुल ना फंसें। और अपने दोस्तों को नकल करने से तो बिल्कुल बचें। क्योंकि फोन बेहद ही निजी होता है। इस्तेमाल आपको करना है। इसके अलावा यह एक तरह का निवेश भी है, यानी एक गलत फैसला और आपका पैसा डूबा। कैमरा, प्रोसेसर, रैम, बैटरी और ब्रांड जैसे पैमानों को ध्यान में रखकर आप अपने नए फोन को चुनें, और सबसे अहम है बजट।

बजट BUDGET 

सुविधा और पैसे का अनोखा कनेक्शन है। स्मार्टफोन के साथ भी ऐसा ही है, जितना ज्यादा पैसा लगाएंगे उतना बेहतर फोन पाएंगे। लेकिन अहम सवाल यह है कि आपका बजट क्या है? आधिकारिक तौर पर कोई प्राइस सेगमेंट तो तय नहीं है, पर हमने आपके लिए इसको आसान बनाने की कोशिश की है।

इस्तेमाल करने लायक सस्ते स्मार्टफोन 5,000 से 10,000 रुपये के रेंज में आ जाते हैं। 10,000 से 15,000 रुपये के बीच कई अहम फीचर्स से लैस एक मॉडर्न स्मार्टफोन आपका हो सकता है। 15,000 से 30,000 रुपये को मिड रेंज सेगमेंट माना जाता हैं। हालांकि, इस रेंज में प्रोडक्ट्स के फीचर्स में काफी अंतर देखने को मिलता है जो अलग-अलग ब्रांड पर निर्भर करता है। 30,000 रुपये के ऊपर आपको हाईएंड स्मार्टफोन मिलने लगते हैं जिनमें फ्लैगशिप-लेवल डिवाइस भी शामिल हैं। कुछ फ्लैगशिप हैंडसेट और अनोखे हाई-एंड फीचर्स वाले मोबाइल 40,000 से 65,000 रुपये के बीच में भी मिलते हैं।  

ब्रांड BRAND 


स्मार्टफोन खरीदने से पहले ब्रांड चुनना एक अहम कदम है, क्योंकि इस पर कई बातें निर्भर करती हैं। नामी ब्रांड्स के साथ सॉफ्टवेयर अपडेट और कस्टमर सपोर्ट सर्विसेज का भरोसा रहता है। शायद यही वजह है कि ज्यादातर यूज़र्स बड़े ब्रांड के साथ जाना पसंद करते हैं। सबसे पहले तो इन ब्रांड के प्रोडक्ट्स मार्केट में आसानी से उपलब्ध होते हैं। ई-कॉमर्स वेबसाइट हो या फिर रिटेल मार्केट, आप दोनों ही जगहों से अपनी सुविधानुसार खरीददारी कर सकते हैं। आज की तारीख में मार्केट में कई कंपनियां हैं। सैमसंग, ऐप्पल, सोनी और माइक्रोमैक्स जैसे ब्रांड्स के नाम तो आपने पहले भी सुने होंगे। लेकिन कई विदेशी कंपनियों के आ जाने के बाद कस्टमर्स के लिए विकल्प और भी ज्यादा हो गए हैं। ऐसे में सबसे अहम बात यह हो जाती है कि आप जिस ब्रांड का फोन ले रहे हैं, क्या आपके शहर में उसका कस्टमर केयर सेंटर है। इसके अलावा उस ब्रांड के पुराने यूज़र्स का फीडबैक क्या है?

ह है वह कुछ बातें जो आपको अपने नए स्मार्टफोन लेने मैं आपकी मदद करेंगे। 

  1. परफॉरमेंस PERFORMANCE 

किसी भी स्मार्टफोन की स्पीड और उसमें मल्टी-टास्किंग का लेवल प्रोसेसर,रैम और उसकी स्टोरेज  पर निर्भर करता है।
प्रोसेसर जितना पावरफुल होगा फ़ोन के हैंग होने के चांन्स उतने ही काम होंगे। 
  1. प्रोसेसर स्मार्टफोन का दिमाग है 
  2. प्रोसेसर की पावर निर्भर करती है उसकी कोर्स उसकी स्पीड और उसकी टेक्नोलॉजी पर 
  3. अब तक का सबसे पावरफुल प्रोसेसर है Qualcomm snapdragon 855+ 

प्रोसेसर चुनने का सही तरीका 

  • मैन्युफैक्चरर और उसकी सीरीज 
  • आपका इस्तेमाल 
  • प्रोसेसर  स्पेसिफिकेशन्स 
  • आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (AI)
  • ग्राफ़िक्स 
आपका इस्तेमाल 


प्रोसेसर स्पेसिफिकेशन्स 


हाई कोर्स + स्पीड = अच्छी परफॉरमेंस 

प्रोसेसर की स्पीड कुछ इस तरह से होती है - "1.8GHz ऑक्टा कोर प्रोसेसर" और 2.4GHz क्वाड कोर प्रोसेसर 

आर्टिफीसियल इंटेलिजेन्स (AI)


कुछ स्मार्टफोन है जो AI प्रोसेसर क साथ मार्किट मैं आते हैं। जो आपके स्मार्टफोन्स को इस्तेमाल करने के तरीके को जानलेते हैं  और जो आपके लिये बेहतर है उन्हें आपके लिए और बेहतर बनता है। 

कुछ जाने माने प्रोसेसर्स हैं जो AI  के साथ आते है Huawei  का kirin 990, Apple A13 bionic, Samsung Exynos 9810, Mediatek P90. 
AI का  फ़ायदा से आप अपनी फ़ोन की बेट्री की पावर को बढ़ा सकते है। और साथ ही फोटोग्रफी के लेवल को भी एडजस्ट कर सकते हैं। 




ग्रफिक्स GRAPHICS 

कुछ स्मार्टफोन्स मैं ग्राफ़िक्स के लिए  प्रोसेसर अलग से प्रोसेसर दिया जाता है। 
  • GPU आपके फ़ोन ग्राफ़िक्स के परफॉरमेंस को बढ़ता है 
  • GPU गेमिंग पेरोफॉर्मन्स को बढ़ता है 
  • Qualcomm snapdragon के प्रोसेसर ADRENO GPU के साथ आते है.

डिस्प्ले DISPLAY 

" स्मार्टफोन मैं सबसे ख़ास होती है उसकी डिस्प्ले जो पिक्चर और व्यइंग एक्सपेरिंस को बेहतर बनती है "

ऐसी 5 बातें  हैं जिन पर आपको विचार करने की जरुरत है जिस से आप सही साइज के स्मार्टफ़ोन चुन पाएंगे।
  1. स्क्रीन साइज 
  2. बेज़्ज़ल लेस्स /नौच डिस्प्ले 
  3. स्क्रीन पैनल टाइप 
  4. स्क्रीन रेज़लुशन 
  5. स्क्रीन प्रोटैक्शन 
  6. डिजाईन 

स्क्रीन साइज SCREEN SIZE 

  • जब स्क्रीन की बात अति है तब बड़ा ही  सबसे बेहतर है। जिस से आपको कुछ भी देखने मैं  कोई दिकत नहीं होगी। 
  • स्क्रीन को सेंटीमीटर या इनचेस के अंदर मापा जाता  है। 
  • बड़ी स्क्रीन्स होने के कारन यह पॉवर भी ज्यादा इस्तेमाल करता है इसलिए आपको ज्यादा बेटरी  वाला स्मार्टफोन देखना चाइये। 

निचे दिए गए टेबल से आप जान पाएंगे के मार्किट मैं कितने तरह के डिस्प्ले साइज मौजूद है। 

बेज़्ज़ल लेस्स और नौच डिस्प्ले 

 जबकि बड़ी स्क्रीन के फायदे के साथ साथ फ़ोन का वज़न और उसका फिजिकल साइज भी बढ़ता है और फ़ोन बनाने वाली कंपनी निरंतर इसका साधन ढूंढ़ती रहती है। 

बेज़्ज़ल्स:
  • स्क्रीन और उसके फ्रेम के बीचमें जो डार्क बॉर्डर्स होते है उन्हें बेज़्ज़ल्स कहा जाता है। 
  • नैरो बेज़्ज़ल्स होने के कारन सेम फिजिकल साइज मैं फ़ोन का डिस्प्ले बड़ा होता है। 
  • फ़ोन्स जिनमे बेज़ेल्स काफी काम या ना के बराबर होती है उन्हें बेज़्ज़ल लेस्स फ़ोन कहा जाता है 
  • कईं फ़ोन्स मैं नौच डिस्प्ले आती है जिसपे ऊपर की तरफ सिर्फ कैमरा, स्पीकर , और सेंसर्स की जगह होती है  जिस कारन आपको ज्यादा स्क्रीन सरफेस मिलता है। 

पैनल टाइप 

"बेहतर पैनल आपको देता है अच्छे रंग और बेहतरीन व्यइंग एक्सपेरन्स" 

  • आज कल के मॉडर्न दौर के स्मार्टफोन्स मैं आपको IPS-LCD और OLED डिस्प्ले मिल जाते है। 
  • TFT-LCD  डिस्प्ले टेक्नोलॉजी सबसे सस्ती होती है  और इसकी डिस्प्ले क्वालिटी काफी काम होती है। 
  • IPS-LCD डिस्प्ले काफी मिड रेंज और बजट स्मार्टफोन मैं मिल जाती है जिसकी क्वालिटी काफी बढ़िया होती है। 
  • OLED पेनल्स मैं रंगों का स्तर काफी बढ़िया होता है और इसमें आपको बेहतर कंट्रास्ट मिलता है साथ ही साथ बेटरी की क्षमता भी बढ़ती है। 



रेसोलुशन 

जितना ज्यादा आपके फ़ोन का रेसोलुशन ज्यादा होगा उतना ही उसमे आपको इमेजेज साफ और बढ़िया दिखाई देंगी। 
  • एक डिस्प्ले मैं कितने पिक्सेल्स है उसे रेसोलुशन कहा जाता है। इसे चौड़ाई X ऊंचाई से मापा जाता है। 
  • जितने ज्यादा पिक्सेल्स होंगे उतनी ही ज्यादा क्लैरिटी आपको मिलती है। 
  • ज्यादा रेसोलुशन वाली स्क्रीन्स ज्यादा पावर इस्तेमाल करती है। 
  • HD, FHD और QHD रेसोलुशन मार्किट मैं आने वाले स्मार्टफोन्स मैं पाया जता है। 


स्क्रीन प्रोटेक्शन 

स्क्रीन प्रोटेक्शन आपके प्यारे स्मार्टफोन की स्क्रीन को गिरकर टूटने से बचाता है। 
  • डिस्पैलिस जो काफी नाजुक होती है और गिरने भर से टूट जाती है 
  • डिस्प्ले आपके फ़ोन का सबसे महंगा पार्ट होती है 
  • जब भी नया स्मार्टफोन ले तोह उस पर स्क्रीन प्रोटेक्टर का इस्तेमाल जरूर करे जिसे से काफी हद तक आपका फ़ोन गिरने पर टूटेगा नहीं। 
  • Corning Gorilla Glass एक कंपनी है जो मोबाइल्स के लिए स्कीन प्रोटेक्शन्स बनते है इनकी Genrations जितनी ज्यादा होंगी Glass उतना ही मजबूत और लचीला होगा। (जैसे की Gorilla Glass 5 Gorilla Glass 3) से ज्यादा बेहतर है। 

डिजाईन

अच्छा डिजाईनआपके फ़ोन को प्रीमियम लुक देता है और हाथ मैं पकड़ा हुआ भी अच्छा लगता है। 

  • फ़ोन की शेप 
  • चलने मैं आसानी 
  • Durability ( लचीलापन)
आइये फ़ोन के डिजाईन और उसके मैटेरियल के बारे मैं कुछ जानलेते है। 

मेटल से बने फ़ोन काफी पतले और देखने मैं आकर्षक होते है बजाए प्लास्टिक मैटेरियल  से बने फ़ोन की. अगर लुक्स की बात की जय तोह ग्लास से बना फ़ोन सबसे बेहतर होता है पर उसके गिर कर टूटने की संभावना काफी हद तक होती है. 



जब कलर की बात आती है तोह यहाँ अबकी अपनी पसंद होती है. Gold, Black, White अब तक के सबसे ज्यादा बिकने वाले रंग है। आज क दौर  की बात करे तोह कलर ओप्तिओंस की कोई कमी तोह नहीं है जैसे की RED, BLUE, GREEN, PURPLE 

कैमरा CAMERA 

अगर स्मार्टफोन खरीदने के पीछे अच्छा कैमरा भी मकसद है तोह आइये जानलेते है वह क्या चीजें है जिस से आप एक अच्छे कैमरे वाला फ़ोन खरीद पायें 

  • रेसोलुशन 
  • लैंस / ऑप्टिक्स 
  • कितने कैमरा चाहिए 
  • मोड्स और AI 
  • फ्रंट और सेल्फी कैमरा 
  • वीडियो रिकॉर्डिंग 






रेसोलुशन 

आज कल हमारे पास बोहत सरे ऐसे फ़ोन्स है जिनमे 48MP  मैगपिक्सेल्स वाला कैमरा है। जिस से आपके एक बढ़िया क्वालिटी की पिक्चर मिलती है। पर अगर बात की जाये 12MP  मैगपिक्सेल्स वाले स्मार्टफोन की वह सेंसर्स का कमला है। 
  • कैमरा के अंदर लगे मैगपिक्सेल्स को रसोलूशन्स से मापा जाता है। 
  • रेसोलुशन आपके कैमरे की पिक्सेल्स की संख्या को बताता है। 
  • हाई रेसोलुशन वाला कैमरा अच्छी क्वालिटी की इमेजस को कैप्चर करता है। 

लेंस /ऑप्टिक्स 

  • लैंस कैमरा सेंसर पर लाइट को फोकस करने मैं मदद करता है जिस से कैमरा से चीजे साफ़ दिखाई दे। 
  • स्मार्टफोन्स मैं लगे कैमरा  लैंस  प्लास्टिक से बने होते है। पर महंगे कैमरा के लेंस Glass से बना होते हैं 
  • अपने कभी कैमरा के बैक पैनल पर लिखा देखा होगा किसी लेंस क ब्रांड का नाम जो दर्शाता है के उसमे कोनसे ब्रांड का लैंस लगा है। 




अपर्चर Aperture 


कम लाइट में फोटोग्राफी के लिए अपर्चर बेहद जरूरी हैं और फोन में डुअल अपर्चर हो तो सोने पर सुहागा।

जितना बड़ा अपर्चर उतनी ही साफ़ फोटो  

  • अपर्चर लैंस के खुलने के साइज़ को कहा जाता है। जहां से लाइट पास होकर कैमरा सेंसर पर गिरती है। 
  • बड़ा अपर्चर ज्यादा लाइट को पास होने मैं मदद करता है जिस से आपको लौ लाइट मैं अच्छी फोटो मिलती है। 
  • यह संख्या मैं जितना काम होगा उतना ही ज्यादा खुलेगा। (f 1.4) ओर (f 2.0) ओर (2.8)  


कितने कैमरा चाहिए 

"जितने ज्यादा कैमेरास उतने ही फोटोग्राफी मोड्स"
  • शायद आप जानते हों स्मार्टफोन की शुरुआत एक सिंगल कैमरा के से हुई थी। फ्रंट मैं एक कैमरा और बैक मैं एक कैमरा।आजकल आपको बैक मैं 4 कैमरा ओर फ्रंट मैं 2 कैमरा मिल जाते है। 
  • मल्टीप्ल कैमरा होने के कारन आप कई तरीकों या कहे मोड्स से फोटोज ले सकते है जैसा की ब्लर, पोर्ट्रेट, टेलीफ़ोटो etc . 
डेप्थ सेंसर 
मोनोक्रोम सेंसर 
टेलीफ़ोटो 

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस 

  • बात करें अगर आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की तोह येह कैमरा के जरिये आपके शूटिंग मेथड्स  जानकर, सीखकर सेटिंग्स को खुद बख़ुद एडजस्ट कर देता है 
  • कई जगह येह काम सोफ्टवेर्स की बजाये हार्डवेयर्स से किया जाता है जिस से साफ़ और चमक्दार फ़ोटोस ले सकते है। 

सेल्फ़ी कैमरा 

"किसी पर भी निर्भर न रहिये जब आपके पास हो अछि सेल्फी वाला स्मार्टफ़ोन"
  • आज कल आपको लग भाग हर फ़ोन मैं सेल्फ़ी कैमरा मिल जाता है जिसमे आपको ब्यूटी मोड के ढ़ेर सारे ऑप्शन्स मिल जाते है। जो आपकी फोटोज की क्वालिटी को बढ़ा देते है। 
  • यह आपको बेहद खूबसूरत  बनाती है और आपकी स्कीन की कमियों को छुपा कर उसे निखार कर आपके सामने पेश करती है। 
  • अगर आपके स्मार्टफोन मैं फ्रंट कैमरा के साथ फ़्लैश भी मिल जाये तोह पार्टी के अँधेरे मैं भी आपकी सेल्फ़ी मैं चार चाँद लग जायेंगे। 

वीडियो मोड्स 

ज्यादातर स्मार्टफोन में वीडियो रिकॉर्डिंग का फीचर होता है। अगर आप हाई क्वालिटी रिकॉर्डिंग की मंशा रखते हैं तो कम से कम 720 पिक्सल (एचडी) रिकॉर्डिंग कैपिसिटी वाले कैमरे की जरूरत पड़ेगी।
जितना ज्यादा वीडियो रिकॉर्डिंग रेसोलुशन =  क्लियर एंड शार्प वीडियो। 


  • स्मार्टफोन मैं 3 तरह के रेसोलुशन वाली वीडियो रिकॉर्ड कर सकते है HD, FHD, 4K 
  • ज्यादा रेसोलुशन वाली वीडियोस को आप बड़ी स्क्रीन पर भी प्ले कर सकते हैं वो भी किसी क्वॉलिटी कोम्प्रोमाईज़ के। 
स्लो मोशन वीडियोस 

स्लो मोशन से आप अपने उन पलों को जी सकते हैं जो आपके दिल क सबसे करीब है 
  • सुपर स्लोमोशन्स वीडियो रिकॉर्डिंग को आप हाई  फ्रेम रेट पर वीडियो रिकॉर्ड कर सकते है।  जैसे की 180, 240, ओर 960FPS पर भी। 
  • आप अपने घर मैं अपने कुत्ते को भागते हुए और पानी मैं गोते कहते हुए बच्चों स्लो मोशन मैं रिकॉर्ड कर सकते है। 

बैटरी 

किसी भी स्मार्टफोन यूज़र के लिए बैटरी लाइफ सबसे अहम प्रॉपर्टी है। इन दिनों फोन रीमूवेबल और नॉन-रीमूवेबल बैटरी के साथ आते हैं। जिन स्मार्टफोन में नॉन-रीमूवेबल बैटरी का इस्तेमाल होता है वो ज्यादा स्लीक होते हैं। नॉन-रीमूवेबल बैटरी के साथ कुछ और भी फायदे हैं, बैक कवर ज्यादा सिक्योर होते हैं और फोन में पानी के घुसने और डैमेज होने की संभावना भी कम हो जाती है। पर ऐसा बिल्कुल नहीं है कि ये पूरी तरह से वाटरप्रूफ हो जाते हैं। कुछ यूज़र रीमूवेबल बैटरी को फायदेमंद मानते हैं, क्योंकि वे अतिरिक्त बैटरी साथ रखना पसंद करते हैं। पहली बैटरी खत्म हो जाने पर। उसे बदलकर दूसरी का इस्तेमाल कर लेते हैं। लेकिन अब जब मार्केट में पावरबैंक उपलब्ध हैं तो अलग से बैटरी लेकर चलने का कोई तुक नहीं बनता है। बैटरी की साइज भी अहम हो जाती है।

जितनी ज्यादा बड़ी बैटरी, स्मार्टफोन के रनिंग टाइम बढ़ने की उम्मीद उतनी ज्यादा होती है। हालांकि, हम पहले भी कई बार कह चुके हैं कि सिर्फ ज्यादा एमएएच की बैटरी होने से स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ बेहतर नहीं हो जाती। इसके बारे में ज्यादा विस्तार से हमारे रिव्यु  में पढ़ सकते हैं। बैटरी साइज बढ़ने के कारण स्मार्टफोन का वजन भी बढ़ जाता है। फोन खरीदने से पहले उसके टॉक टाइम और स्टैंडबाय टाइम के बारे में भी जान लें।

ऑपरेटिंग सिस्टम

गूगल का एंड्रॉयड, ऐप्पल का आईओएस, माइक्रोसॉफ्ट का विंडोज मोबाइल और ब्लैकबेरी ओएस 10, आपके के लिए विकल्प कई हैं। हर ऑपरेटिंग सिस्टम में कई खासियतें हैं तो कुछ कमियां भीं। भारत में एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म सुपरहिट है और इसका मार्केट शेयर भी सबसे ज्यादा है। और ओपन-सोर्स नेचर होने के कारण कई मोबाइल ब्रांड इसी ऑपरेटिंग सिस्टम पर फोन बना रहे हैं।



आईओएस IOSऔर एंड्रॉयड ANDROID प्लेटफॉर्म के लिए सबसे ज्यादा थर्ड-पार्टी ऐप्स उपलब्ध हैं। पर आईओएस बेस्ड आईफोन की कीमत ज्यादा होने के कारण यह हर किसी के पॉकेट में फिट नहीं बैठता। वहीं, एंड्रॉयड बेस्ड स्मार्टफोन हर प्राइस सेगमेंट में मिल जाते हैं। आपका मन इन दोनों ऑपरेटिंग सिस्टम से भर गया है तो आप माइक्रोसॉफ्ट का विंडोज मोबाइल इस्तेमाल कर सकते हैं। परफॉर्मेंस के मामले में इस प्रोडक्ट की मार्केट रिपोर्ट भी पॉजिटिव रही है। हालांकि, विंडोज मोबाइल पर आईओएस या एंड्रॉयड की तुलना में थर्ड-पार्टी ऐप्स कम हैं। इन सबके अलावा फोन खरीदने से पहले यह जरूर जांच लें कि आपको मिलने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम का वर्ज़न क्या है। 


सिक्योरिटी / कनेक्टीविटी 

क्या आपका मोबाइल Secure है? या यूँ कहें तो, क्या आप सुक्षित हो? तो आइये जानते हैं। के इस टेक्नोलॉजी को कैसे इस्तेमाल कर सकते है। 

  • स्मार्टफोन एक पर्सनल डिवाइस है ओर इसके सिक्योरिटी फीचेर्स आपको ऑनलाइन फ्रॉड से बचा कर रखते हैं। 
  • फ़ोन्स को काफी तरीको से अनलॉक किया जा सकता है। और यह सब अलग अलग काम करते है। 
  • फ़ोन्स को अनलॉक करने के काफ़ी आम तरीक़े है जैसे की स्कीन पासवर्ड, फिंगरप्रिंट,  फेस अनलॉक। 

ऑनस्क्रीन पासवर्ड 

फ़ोन को अनलॉक करने का सबसे आसान तरीका है स्क्रीन pattron. 


फिंगरप्रिंट स्कैनर 

सबसे सुरक्षित और सबसे आसान तरीका अपने फ़ोन को अनलॉक करने का 

फेस अनलॉक 
सिर्फ देखने भर से अनलॉक करे अपने फ़ोन को। 

कनेक्टिविटी 


एक हाई परफॉरमेंस वाला फ़ोन आपको फील करवाता है। की आपका फ़ोन कितना स्मूथ और तेज चलता है और वह भी बिना किसि रुकावट के। 

ड्यूल सिम / हाइब्रिड सिम 

  • अगर आप एक साथ दो सिम इस्तेमाल करते है तोह आपको ड्यूल सिम वाला फ़ोन ही लेना चाइये। 
  • कईं फ़ोन्स मैं आपको हाइब्रिड सिम देखने को मिलती है जिसमे आप या तो दो सिम या एक सिम और एक मैमोरी कार्ड डाल सकते है। 
  • अगर आपको दो सिम और मैमोरी कार्ड वाला फ़ोन लेना चाहते हैं तोह आप ट्रिपल स्लॉट वाला मोबाइल खरीद सकते है। 

ड्यूल VoLTE 

  • वौइस् ओवर LTE ओर VoLTE अब तक की सबसे फ़ास्ट कॉलिंग कनेक्टिंग टेक्नोलॉजी है। 
  • भारत मैं लग भाग सभी ओपेरटेरोस के पास येह सुविधा उपलब्ध है। 
  • ड्यूल VoLTE की मदद से आप दोनों सिम्स को एक साथ इस्तेमाल कर सकते है। 



ऑडियो जैक 

  • फ़ोन लेते इस बात का धयान जरूर रखे के उसमे 3.5mm  जैक आपो मिल रहा है या नहीं। 
  • कईं फ़ोन्स क अंदर अब येह जैक आना बंद  हो गया है। 
  • नए फ़ोन्स मैं आपको अब Type -C पोर्ट दिया जा रहा है जो साउंड की क्वालिटी को गिरने नहीं देता।  







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