21स्वी सदी मैं स्मार्टफोन आपका एक स्मार्ट कम्पैनियन हो सकता है बशर्ते। अपने अपनी सूझ बुसे उसे खरीदा हो। आइये जानलेते हैं उन खास 10 चीजों को जिनसे आप अपनी मेहनत की कमाई को सही जगह इन्वेस्ट करेंगे।
आप चाहते क्या हो?
बजट BUDGET
सुविधा और पैसे का अनोखा कनेक्शन है। स्मार्टफोन के साथ भी ऐसा ही है, जितना ज्यादा पैसा लगाएंगे उतना बेहतर फोन पाएंगे। लेकिन अहम सवाल यह है कि आपका बजट क्या है? आधिकारिक तौर पर कोई प्राइस सेगमेंट तो तय नहीं है, पर हमने आपके लिए इसको आसान बनाने की कोशिश की है।इस्तेमाल करने लायक सस्ते स्मार्टफोन 5,000 से 10,000 रुपये के रेंज में आ जाते हैं। 10,000 से 15,000 रुपये के बीच कई अहम फीचर्स से लैस एक मॉडर्न स्मार्टफोन आपका हो सकता है। 15,000 से 30,000 रुपये को मिड रेंज सेगमेंट माना जाता हैं। हालांकि, इस रेंज में प्रोडक्ट्स के फीचर्स में काफी अंतर देखने को मिलता है जो अलग-अलग ब्रांड पर निर्भर करता है। 30,000 रुपये के ऊपर आपको हाईएंड स्मार्टफोन मिलने लगते हैं जिनमें फ्लैगशिप-लेवल डिवाइस भी शामिल हैं। कुछ फ्लैगशिप हैंडसेट और अनोखे हाई-एंड फीचर्स वाले मोबाइल 40,000 से 65,000 रुपये के बीच में भी मिलते हैं।
ब्रांड BRAND
यह है वह कुछ बातें जो आपको अपने नए स्मार्टफोन लेने मैं आपकी मदद करेंगे।
- परफॉरमेंस PERFORMANCE 
 
- प्रोसेसर स्मार्टफोन का दिमाग है
 - प्रोसेसर की पावर निर्भर करती है उसकी कोर्स उसकी स्पीड और उसकी टेक्नोलॉजी पर
 - अब तक का सबसे पावरफुल प्रोसेसर है Qualcomm snapdragon 855+
 
प्रोसेसर चुनने का सही तरीका
- मैन्युफैक्चरर और उसकी सीरीज
 - आपका इस्तेमाल
 - प्रोसेसर स्पेसिफिकेशन्स
 - आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (AI)
 - ग्राफ़िक्स
 
प्रोसेसर स्पेसिफिकेशन्स
आर्टिफीसियल इंटेलिजेन्स (AI)
- GPU आपके फ़ोन ग्राफ़िक्स के परफॉरमेंस को बढ़ता है
 - GPU गेमिंग पेरोफॉर्मन्स को बढ़ता है
 - Qualcomm snapdragon के प्रोसेसर ADRENO GPU के साथ आते है.
 
डिस्प्ले DISPLAY
" स्मार्टफोन मैं सबसे ख़ास होती है उसकी डिस्प्ले जो पिक्चर और व्यइंग एक्सपेरिंस को बेहतर बनती है "
- स्क्रीन साइज
 - बेज़्ज़ल लेस्स /नौच डिस्प्ले
 - स्क्रीन पैनल टाइप
 - स्क्रीन रेज़लुशन
 - स्क्रीन प्रोटैक्शन
 - डिजाईन
 
स्क्रीन साइज SCREEN SIZE
- जब स्क्रीन की बात अति है तब बड़ा ही सबसे बेहतर है। जिस से आपको कुछ भी देखने मैं कोई दिकत नहीं होगी।
 - स्क्रीन को सेंटीमीटर या इनचेस के अंदर मापा जाता है।
 - बड़ी स्क्रीन्स होने के कारन यह पॉवर भी ज्यादा इस्तेमाल करता है इसलिए आपको ज्यादा बेटरी वाला स्मार्टफोन देखना चाइये।
 
बेज़्ज़ल लेस्स और नौच डिस्प्ले
- स्क्रीन और उसके फ्रेम के बीचमें जो डार्क बॉर्डर्स होते है उन्हें बेज़्ज़ल्स कहा जाता है।
 - नैरो बेज़्ज़ल्स होने के कारन सेम फिजिकल साइज मैं फ़ोन का डिस्प्ले बड़ा होता है।
 - फ़ोन्स जिनमे बेज़ेल्स काफी काम या ना के बराबर होती है उन्हें बेज़्ज़ल लेस्स फ़ोन कहा जाता है
 - कईं फ़ोन्स मैं नौच डिस्प्ले आती है जिसपे ऊपर की तरफ सिर्फ कैमरा, स्पीकर , और सेंसर्स की जगह होती है जिस कारन आपको ज्यादा स्क्रीन सरफेस मिलता है।
 
पैनल टाइप
- आज कल के मॉडर्न दौर के स्मार्टफोन्स मैं आपको IPS-LCD और OLED डिस्प्ले मिल जाते है।
 - TFT-LCD डिस्प्ले टेक्नोलॉजी सबसे सस्ती होती है और इसकी डिस्प्ले क्वालिटी काफी काम होती है।
 - IPS-LCD डिस्प्ले काफी मिड रेंज और बजट स्मार्टफोन मैं मिल जाती है जिसकी क्वालिटी काफी बढ़िया होती है।
 - OLED पेनल्स मैं रंगों का स्तर काफी बढ़िया होता है और इसमें आपको बेहतर कंट्रास्ट मिलता है साथ ही साथ बेटरी की क्षमता भी बढ़ती है।
 

रेसोलुशन
- एक डिस्प्ले मैं कितने पिक्सेल्स है उसे रेसोलुशन कहा जाता है। इसे चौड़ाई X ऊंचाई से मापा जाता है।
 - जितने ज्यादा पिक्सेल्स होंगे उतनी ही ज्यादा क्लैरिटी आपको मिलती है।
 - ज्यादा रेसोलुशन वाली स्क्रीन्स ज्यादा पावर इस्तेमाल करती है।
 - HD, FHD और QHD रेसोलुशन मार्किट मैं आने वाले स्मार्टफोन्स मैं पाया जता है।
 
स्क्रीन प्रोटेक्शन
- डिस्पैलिस जो काफी नाजुक होती है और गिरने भर से टूट जाती है
 - डिस्प्ले आपके फ़ोन का सबसे महंगा पार्ट होती है
 - जब भी नया स्मार्टफोन ले तोह उस पर स्क्रीन प्रोटेक्टर का इस्तेमाल जरूर करे जिसे से काफी हद तक आपका फ़ोन गिरने पर टूटेगा नहीं।
 - Corning Gorilla Glass एक कंपनी है जो मोबाइल्स के लिए स्कीन प्रोटेक्शन्स बनते है इनकी Genrations जितनी ज्यादा होंगी Glass उतना ही मजबूत और लचीला होगा। (जैसे की Gorilla Glass 5 Gorilla Glass 3) से ज्यादा बेहतर है।
 
डिजाईन
- फ़ोन की शेप
 - चलने मैं आसानी
 - Durability ( लचीलापन)
 
कैमरा CAMERA
- कैमरा के अंदर लगे मैगपिक्सेल्स को रसोलूशन्स से मापा जाता है।
 - रेसोलुशन आपके कैमरे की पिक्सेल्स की संख्या को बताता है।
 - हाई रेसोलुशन वाला कैमरा अच्छी क्वालिटी की इमेजस को कैप्चर करता है।
 
लेंस /ऑप्टिक्स
- लैंस कैमरा सेंसर पर लाइट को फोकस करने मैं मदद करता है जिस से कैमरा से चीजे साफ़ दिखाई दे।
 - स्मार्टफोन्स मैं लगे कैमरा लैंस प्लास्टिक से बने होते है। पर महंगे कैमरा के लेंस Glass से बना होते हैं
 - अपने कभी कैमरा के बैक पैनल पर लिखा देखा होगा किसी लेंस क ब्रांड का नाम जो दर्शाता है के उसमे कोनसे ब्रांड का लैंस लगा है।
 

- अपर्चर लैंस के खुलने के साइज़ को कहा जाता है। जहां से लाइट पास होकर कैमरा सेंसर पर गिरती है।
 - बड़ा अपर्चर ज्यादा लाइट को पास होने मैं मदद करता है जिस से आपको लौ लाइट मैं अच्छी फोटो मिलती है।
 - यह संख्या मैं जितना काम होगा उतना ही ज्यादा खुलेगा। (f 1.4) ओर (f 2.0) ओर (2.8)
 
कितने कैमरा चाहिए
- शायद आप जानते हों स्मार्टफोन की शुरुआत एक सिंगल कैमरा के से हुई थी। फ्रंट मैं एक कैमरा और बैक मैं एक कैमरा।आजकल आपको बैक मैं 4 कैमरा ओर फ्रंट मैं 2 कैमरा मिल जाते है।
 - मल्टीप्ल कैमरा होने के कारन आप कई तरीकों या कहे मोड्स से फोटोज ले सकते है जैसा की ब्लर, पोर्ट्रेट, टेलीफ़ोटो etc .
 
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस
- बात करें अगर आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की तोह येह कैमरा के जरिये आपके शूटिंग मेथड्स जानकर, सीखकर सेटिंग्स को खुद बख़ुद एडजस्ट कर देता है
 - कई जगह येह काम सोफ्टवेर्स की बजाये हार्डवेयर्स से किया जाता है जिस से साफ़ और चमक्दार फ़ोटोस ले सकते है।
 
सेल्फ़ी कैमरा
- आज कल आपको लग भाग हर फ़ोन मैं सेल्फ़ी कैमरा मिल जाता है जिसमे आपको ब्यूटी मोड के ढ़ेर सारे ऑप्शन्स मिल जाते है। जो आपकी फोटोज की क्वालिटी को बढ़ा देते है।
 - यह आपको बेहद खूबसूरत बनाती है और आपकी स्कीन की कमियों को छुपा कर उसे निखार कर आपके सामने पेश करती है।
 - अगर आपके स्मार्टफोन मैं फ्रंट कैमरा के साथ फ़्लैश भी मिल जाये तोह पार्टी के अँधेरे मैं भी आपकी सेल्फ़ी मैं चार चाँद लग जायेंगे।
 
वीडियो मोड्स
- स्मार्टफोन मैं 3 तरह के रेसोलुशन वाली वीडियो रिकॉर्ड कर सकते है HD, FHD, 4K
 - ज्यादा रेसोलुशन वाली वीडियोस को आप बड़ी स्क्रीन पर भी प्ले कर सकते हैं वो भी किसी क्वॉलिटी कोम्प्रोमाईज़ के।
 
- सुपर स्लोमोशन्स वीडियो रिकॉर्डिंग को आप हाई फ्रेम रेट पर वीडियो रिकॉर्ड कर सकते है। जैसे की 180, 240, ओर 960FPS पर भी।
 - आप अपने घर मैं अपने कुत्ते को भागते हुए और पानी मैं गोते कहते हुए बच्चों स्लो मोशन मैं रिकॉर्ड कर सकते है।
 
बैटरी
जितनी ज्यादा बड़ी बैटरी, स्मार्टफोन के रनिंग टाइम बढ़ने की उम्मीद उतनी ज्यादा होती है। हालांकि, हम पहले भी कई बार कह चुके हैं कि सिर्फ ज्यादा एमएएच की बैटरी होने से स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ बेहतर नहीं हो जाती। इसके बारे में ज्यादा विस्तार से हमारे रिव्यु में पढ़ सकते हैं। बैटरी साइज बढ़ने के कारण स्मार्टफोन का वजन भी बढ़ जाता है। फोन खरीदने से पहले उसके टॉक टाइम और स्टैंडबाय टाइम के बारे में भी जान लें।
ऑपरेटिंग सिस्टम
गूगल का एंड्रॉयड, ऐप्पल का आईओएस, माइक्रोसॉफ्ट का विंडोज मोबाइल और ब्लैकबेरी ओएस 10, आपके के लिए विकल्प कई हैं। हर ऑपरेटिंग सिस्टम में कई खासियतें हैं तो कुछ कमियां भीं। भारत में एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म सुपरहिट है और इसका मार्केट शेयर भी सबसे ज्यादा है। और ओपन-सोर्स नेचर होने के कारण कई मोबाइल ब्रांड इसी ऑपरेटिंग सिस्टम पर फोन बना रहे हैं।सिक्योरिटी / कनेक्टीविटी
- स्मार्टफोन एक पर्सनल डिवाइस है ओर इसके सिक्योरिटी फीचेर्स आपको ऑनलाइन फ्रॉड से बचा कर रखते हैं।
 - फ़ोन्स को काफी तरीको से अनलॉक किया जा सकता है। और यह सब अलग अलग काम करते है।
 - फ़ोन्स को अनलॉक करने के काफ़ी आम तरीक़े है जैसे की स्कीन पासवर्ड, फिंगरप्रिंट, फेस अनलॉक।
 
कनेक्टिविटी
ड्यूल सिम / हाइब्रिड सिम
- अगर आप एक साथ दो सिम इस्तेमाल करते है तोह आपको ड्यूल सिम वाला फ़ोन ही लेना चाइये।
 - कईं फ़ोन्स मैं आपको हाइब्रिड सिम देखने को मिलती है जिसमे आप या तो दो सिम या एक सिम और एक मैमोरी कार्ड डाल सकते है।
 - अगर आपको दो सिम और मैमोरी कार्ड वाला फ़ोन लेना चाहते हैं तोह आप ट्रिपल स्लॉट वाला मोबाइल खरीद सकते है।
 
ड्यूल VoLTE
- वौइस् ओवर LTE ओर VoLTE अब तक की सबसे फ़ास्ट कॉलिंग कनेक्टिंग टेक्नोलॉजी है।
 - भारत मैं लग भाग सभी ओपेरटेरोस के पास येह सुविधा उपलब्ध है।
 - ड्यूल VoLTE की मदद से आप दोनों सिम्स को एक साथ इस्तेमाल कर सकते है।
 

ऑडियो जैक 
- फ़ोन लेते इस बात का धयान जरूर रखे के उसमे 3.5mm जैक आपो मिल रहा है या नहीं।
 - कईं फ़ोन्स क अंदर अब येह जैक आना बंद हो गया है।
 - नए फ़ोन्स मैं आपको अब Type -C पोर्ट दिया जा रहा है जो साउंड की क्वालिटी को गिरने नहीं देता।
 































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