चलो मज़ाक छोड़कर आगे बढ़ते है और बताते हैं कि क्यों ये एक विवादास्पद प्रश्न है। आजकल जमाना इतना एडवांस हो गया है कि लोगो के पास दिव्य शक्तियां आ चुकी है मात्र टीवी चैनल के नाम से ही लोग बहुत जल्दी बता देंगे कि आप सरकार विरोधी है या अंधभक्त। पर मैं फिर भी पूरी कोशिश करूंगा कि यह उत्तर पढ़ कर किसी भी व्यक्ति की भावनाओं को कोई ठेस न पहुंचे।
अधिकांश लोग जो इंटरनेट विशेषकर यूट्यूब चलाते होंगे और वहाँ पर राजनीतिक ख़बरे देखते होंगे तो उन्हें पता ही होगा की वर्तमान समय में भारत में मुख्यधारा की समाचार एजेंसियां दो धड़ो में बंटी हुई है।
- एक वो जिनके चैनल पर आपको अधिकांश समय सरकार की तारीफ ही दिखेंगी।
- दूसरे वो जिनके यहाँ अधिकांश समय सरकार की कमियों की ही चर्चा होगी।
दोनों पक्ष एक दूसरे को बड़े ही मजाकिया नाम से सम्बोधित करते है। और कोई मौका नही छोड़ते एक दूसरे की टांग खींचने का।
- सरकार के पक्ष की बात करने वालो को दूसरा पक्ष मुख्यरूप से गोदी मीडिया कहता है।
- सरकार से जिनके विचार नहीं मिलते उन्हें कोई कांग्रेसी या सरकार विरोधी बोल लेता है कोई तो पाकिस्तान प्रेमी भी बोल देता है कभी-कभी इन्हें वामपंथी भी कह दिया जाता है। मतलब ये है की समय-समय के हिसाब से यहाँ नाम बदलते रहते हैं।
मैं सीधे-सीधे आपको इन चैनलों के नाम भी बता ही देता हूँ।
मेरी जानकारी में एनडीटीवी चैनल को सरकार विरोधी कहा जाता है और शेष अन्य सभी को गोदी मीडिया कहा जाता है।
अबतक किसी एक पक्ष का तो खून खौल ही चुका होगा कि ये ऐसे शब्द क्यो प्रयोग कर रहा है हमारे पसंदीदा चैनलों के लिए। तो मैं आपको बता दूँ की ये नाम मेरे दिमाग की उपज नही है इंटरनेट भरा पड़ा है इन सब चीज़ों से। आप चाहें तो स्वयं जाकर इंटरनेट पर देख सकते है। इसलिए मैं कह रहा था कि ये प्रश्न पूछकर आप मुझे मार खिलवाना चाहते है।
अब जैसा कि प्रश्नकर्ता मेरी पसंद जानना चाहते है तो मैं ये साफ कर दूं कि टेलीविजन मीडिया पर मेरे को कोई भी चैनल निष्पक्ष नही लगता। मेरी हर मुद्दे के हिसाब से पसन्द बदलती रहती है एक तरह से मैं थाली का बेंगन की तरह हूँ जो बिल्कुल स्थिर नही है। परन्तु आजकल जब से नागरिकता संशोधन बिल, कानून बना और फिर उसका जोर-शोर से विरोध भी हुआ, कहीं शांतिपूर्ण तरीके से तो कहीं हिंसात्मक विरोध। तब से मैं हर चैनल को ध्यान से समझने की कोशिश कर रहा था की आखिर ये चैनल वाले मेरे दिमाग में क्या भरना चाह रहे हैं। बहुत सारा समय और दिमाग इतने सारे चैनलों पर खपाने के बाद मेरी सुई जाकर अटकी उस चैनल पर जिसपर हो रहीं एक दो चर्चाएं मुझे काफी अच्छी लगी। और वो चैनल है न्यूज़24 ।
मैं यहाँ ये बिल्कुल नही कह रहा हूँ कि ये ही वो चैनल है जो दूध का धुला हुआ है। क्योंकि मुझे नही पता पिछले राजनीतिक मुद्दों पर इस चैनल का रवैया क्या था मैंने भी इस चैनल को ढंग से अभी ही देखना शुरू किया है।
इसलिए मैं ये नही कह सकता कि क्या वाकई टेलीविजन पर कोई चैनल है जिसे हम कह सकें कि ये ही है वो राजा हरीश चंद्र जो कभी झूठ नहीँ बोलेगा।
परन्तु यूट्यूब पर एक चैनल है जिसके बारे में मन ही मन मैं सोचता हूँ कि ये निष्पक्ष है। पर गारंटी तो मैं इसकी भी नही लूंगा। इसका नाम दी लल्लनटॉप है। इनके कमेंट सेक्शन में आपको दोनों पक्षों के लोग जहाँ तक है समान मात्रा में मिल ही जाएँगे। ख़ास बात ये है कि इनकी भाषा बहुत लाज़वाब है सच में यहाँ मारक मज़ा भी मिलता है और ढेरों जानकारी भी।
ये सरकार की भी बखिया उधेड़ने का मादा रखते है और विपक्ष की भी। ये मोदी जी का भी झूठ पकड़ लेते है और राहुल गांधी का भी। इसलिए अलग-अलग समय पर यहाँ कोई एक पक्ष तो हमेशा खुश होता ही होगा। क्योंकि अपने विरोधियों की जब कोई तीसरा व्यक्ति खिंचाई करें उसका मज़ा तो हम भारतीयों से बेहतर शायद ही कोई और लेता होगा।
ये इनके चैनल की एक तस्वीर है।
धन्यवाद।
चित्रस्त्रोत :- इनके यूट्यूब चैनलों पर जाकर मेरे द्वारा लिए गये स्क्रीनशॉट।
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