'अंबाती रायुडू को मैंने हमेशा एक ऐसा बल्लेबाज़ माना जो तेज़ गेंदबाज़ों और स्पिनरों दोनों को बहुत अच्छे से खेल सकता है.'
आईपीएल-2018 में चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए अंबाती रायुडू की बल्लेबाज़ी की प्रशंसा में यह बात अपने 'क्रिकेट जजमेंट' के लिए मशहूर महेंद्र सिंह धोनी ने कही थी.
चार महीने पहले तक रायुडू टीम इंडिया में नंबर चार पर अच्छी बल्लेबाज़ी कर रहे थे. अचानक उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है. वह भी, महज़ 33 साल की उम्र में.
दो दिन पहले जब चयनकर्ताओं ने चोटिल विजय शंकर की जगह मयंक अग्रवाल को इंग्लैंड बुलाने का फ़ैसला लिया तो सोशल मीडिया पर अंबाती रायुडू की ट्रोलिंग शुरू हो गई थी.
फिर एक और अजीबोग़रीब ट्वीट में आइसलैंड क्रिकेट के ट्विटर अकाउंट से रायुडू को अपने देश में स्थायी नागरिकता का प्रस्ताव दिया ताकि वे 'अपना थ्रीडी चश्मा' और भारत छोड़कर आइसलैंड में बस जाएं और वहां क्रिकेट खेलें.
ये स्थितियां किसी भी ऐसे बल्लेबाज़ के लिए सुखद नहीं थीं जिसका विश्व कप में खेलने का सपना चंद दिनों पहले पूरा होने की दहलीज़ पर था.
आख़िरी ट्वीट में उन्होंने टीम से बाहर किए जाने पर 'थ्रीडी चश्मे' वाला बहुचर्चित तंज़ किया था. लेकिन संन्यास के ऐलान पर उन्होंने अब तक कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है और इसका एक अर्थ यह भी समझा जा सकता है कि उनके लिए बात अब तंज़ो-लतीफ़ से आगे निकल गई है.
समाचार वेबसाइटों पर हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन को लिखी गई उनकी चिट्ठी के जो अंश प्रकाशित किए गए हैं, उसमें भी रायुडू ने किसी नाराज़गी का इज़हार नहीं किया है. संन्यास का कोई विशेष कारण नहीं बताया है और सबको शुक्रिया कहा है.
लेकिन उनका अनकहा दर्द समझा जा सकता है. क्रिकेट जगत की वे हस्तियां जो पहले नहीं बोलीं, अब बोल रही हैं.
पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ वीरेंद्र सहवाग ने ट्विटर पर लिखा है कि विश्व कप में अनदेखा किया जाना अंबाती रायुडू के लिए निश्चित रूप से दर्दनाक रहा होगा.
ऐसे स्वर कई जगहों से उठे हैं कि अच्छे प्रदर्शन के बावजूद चयनकर्ताओं ने रायुडू की अनदेखी की और अनुभवहीन बल्लेबाज़ों को मौक़े दिए.
पूर्व बल्लेबाज़ गौतम गंभीर ने बहुत तीखे शब्दों में चयनकर्ताओं की आलोचना की है. उन्होंने कहा, "मेरे हिसाब से इस विश्व कप में चयनकर्ताओं ने पूरी तरह निराश किया. उनकी वजह से ही रायुडू ने संन्यास लिया और उनके फ़ैसले लेने की क्षमता को ही इसका दोष दिया जाना चाहिए."
अंबाती रायडू विश्व कप के लिए 'स्टैंड बाय' रखे गए तीन खिलाड़ियों में शामिल थे. किसी खिलाड़ी के चोटिल होने की स्थिति में स्टैंड-बाय खिलाड़ी को मौक़ा दिया जाता है.
इस विश्व कप में भारत के दो खिलाड़ी चोटिल हुए लेकिन दोनों बार रायुडू को निराशा हाथ लगी.
पहले शिखर धवन की जगह ऋषभ पंत और फिर विजय शंकर की जगह मयंक अग्रवाल को इंग्लैंड बुला लिया गया और रायुडू के लिए उम्मीद की आख़िरी खिड़की भी बंद हो गई.
जबकि वह विजय शंकर, ऋषभ पंत और मयंक अग्रवाल तीनों से ज़्यादा अनुभवी क्रिकेटर हैं.
रायुडू ने 55 अंतरराष्ट्रीय वनडे मैचों में 1694 रन बनाए. उनका औसत 47.05 और स्ट्राइक रेट 79 का रहा. विजय शंकर और ऋषभ पंत का औसत क्रमश: 31.85 और 28.8 का है. मयंक अग्रवाल को अभी किसी भी अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच में पहली बार बल्ला पकड़ना है.
रायुडू ने अपने वनडे करियर में 10 अर्धशतक और तीन शतक लगाए हैं और उनका उच्चतम स्कोर 124 रन है. पिछले साल अक्टूबर में जब उन्होंने शतक लगाया तो बीते डेढ़ साल में किसी भारतीय बल्लेबाज़ का यह पहला ऐसा शतक था जो टॉप थ्री बल्लेबाज़ों के अलावा किसी ने जमाया था.
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