जर्मनी के एक शख्स ने Google को कैसे बेवकूफ बनाया, जिसके बाद खुद Google को सफाई देनी पड़ी?

Google द्वारा दी जा रही बहुत सी सेवाओं में एक है Google Maps. आज के समय में ऐसा कौन है जो इसके नाम से परिचित नहीं है. कहीं भी जाना हो, हम गूगल मैप को ही सबसे भरोसेमंद मानते हैं. बस लोकेशन (Location) सेट कीजिये और गूगल आप तुरंत रास्ता बता देगा और साथ ही ट्रैफिक (Traffic Jam) की भी सटीक जानकारी आपको तुरंत मिल जाएगी. लेकिन जर्मनी (Germany) में एक आम नागरिक ने ऐसा कारनामा कर दिया जिसने गूगल के भी होश उड़ा दिये हैं. इस शख्स ने गूगल मैप (Google Map) द्वारा दी गई जानकारी की धज्जियां उड़ा दी है.
दरअसल, जर्मनी के बर्लिन में रहने वाले सिमोन वेकर्ट ने एक ऐसा कारनामा कर दिया है जिससे गूगल मैप सेवा (Google Maps Service) पर ही सवालिया निशान लग गया है. सिमोन ने ऐप का मजाक उड़ाने का एक नायाब तरकीब निकाली. उन्होंने एक बड़े से ट्रॉली में 99 स्मार्टफोन रखे और उन सभी में गूगल मैप और लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम को ऑन कर दिया. इसके बाद वे एक सड़क पर धीरे-धीरे चलने लगे.
Google Map ने इन 99 स्मार्टफोन्स (Smartphones) की लोकेशन को ट्रैक करते हुए पूरी सड़क पर भारी जाम (Traffic Jam) घोषित कर दिया. गूगल मैप द्वारा उक्त सड़क पर भारी ट्रैफिक की जानकारी के बाद ज्यादातर नागरिक उस सड़क की ओर निकले ही नहीं. दिलचस्प बात ये है कि उस सड़क पर उस समय एक भी गाड़ी नहीं चल रही थी. दरअसल, Google Maps का ट्रैफिक ट्रैकिंग सिस्टम (Traffic tracking system) सड़क पर विभिन्न मोबाइल डिवाइस की लोकेशन और एग्रेगेटर डाटा को इकट्ठा करके ट्रैफिक का हाल मुहैया कराता है.
इस हिसाब से अगर बहुत सारे मोबाइल फोन किसी सड़क पर धीरे-धीरे मूव करने लगते हैं, तो गूगल का ट्रैफिक ट्रैकिंग सिस्टम तुरंत डाटा कलेक्ट करके ट्रैफिक (Traffic) का हाल यूजर्स के साथ साझा करने लगता है. गूगल ने उस शख्स के इस मजाक के जवाब में कहा कि कंपनी अभी भी चलती कार-बाईकों (Car-bikes) और ट्रॉली (trolleys) में मोबाइलों को घूमाने जैसे चीजों में फर्क नहीं कर पाती है. इस पर काम जारी है.
जर्मनी के इस व्यक्ति (सिमोन वेकर्ट) का कहना है कि, “हम अभी भी टेक्नोलॉजी (technology) और सोसाइटी (Society) के बीच के संबंध को समझने में भूल कर रहे हैं. ये बड़ी हैरानी का बात है कि कैसे कोई टेक्नोलॉजी समाज को बदल रहा है. मैं मानता हूं कि अभी भी नए टेक्नोलॉजी हमें ठीक से समझ नहीं पाए हैं”.

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