Essay on Social Media in Hindi

 सोशल मीडिया एक ऐसा आधुनिक मंच है जो समाज में लोगों को अपने विचारों को सांझा करने, उनके साथ जुड़ने, सलाह देने, लोगों को प्रेरित करने, किसी बात को कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाने का काम करता है। आज कल हर कोई सोशल मीडिया का दीवाना है बच्चे से लेकर बूढों तक सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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सोशल मीडिया के फ़ायदे – Social Media Advantages

सोशल मीडिया के माध्यम से आप किसी भी प्रकार की जानकारी को पलक झपकते ही भेज सकते हैं जिससे कम समय में आप लाखों लोगों तक अपनी बात को पहुंचा सकते हैं। जबकि पुराने समय में इन्टरनेट नहीं होता था तब लोग अपने संदेशों को एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाने के लिए कबूतरों का सहारा लेते थे या फिर वह अपनी बात को दूसरी जगह पहुँचाने के लिए पैदल जाकर उस जगह संदेश दिया करते थे जिससे संदेश पहुँचने में बहुत समय लग जाता था, किन्तु इन्टरनेट के आ जाने से हमारे जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ और आज हम इन्टरनेट के माध्यम से सोशल मीडिया के जमाने से जुड़े हुए हैं।
फेसबुक, व्हाटसअप्प , ट्विटर आदि यह सभी सोशल मीडिया में ही आते हैं जिनके जरिये हम किसी भी प्रकार की जानकारी को तुरंत भेज सकते हैं और घर बैठे बैठे दूर बैठे व्यक्ति से बात तक कर सकते हैं। आज कल लोग अपना ज्यादातर टैलेंट सोशल मीडिया के द्वारा ही दिखाते हैं, सोशल मीडिया ऐसा मंच है जिसके द्वारा हम किसी भी प्रकार की जानकारी हो चाहे वो कोई फोटो हो , वीडियो हो जा फिर अन्य कोई प्रकार का डाटा हो आदि अपने दोस्तों, रिश्तेदारों जा संसार के किसी भी कोने में बैठे लोगों तक पहुंचा सकते हैं। सोशल मीडिया के द्वारा हमारा अच्छा ख़ासा मनोरंजन हो जाता है इसके इलावा बहुत से लोग ज्ञानवर्धक जानकारियां हमारे तक पहुंचाते हैं जिनसे जुड़ कर हम अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं और इससे लोगों को अपनों से दूर रहकर भी पास होने की एक अलग ख़ुशी मिलती है।

सोशल मीडिया के नुकसान – Social Media Disadvantages

यहाँ सोशल मीडिया के इतने फायदे हैं वहीँ इससे हमारे समाज पर नकरात्मक प्रभाव भी पड़ते हैं सुबह से शाम तक लाखों लोग अराजकता से भरी विघटनकारी पोस्ट Whatsapp और Facebook के जरिये एक दूसरे को भेज रहे हैं और नफरत का ज़हर फ़ैलाते जा रहे हैं किसी को कोई परवाह नहीं के यह मैसेज, फोटो, वीडियो सच है या झूठ ? सोशल मीडिया पर मौजूद ज्यादातर लोग यहीं मानते हैं के इंटरनेट से आने वाली सभी जानकारी सही होती है ख़ासकर जो लोग सोशल मीडिया से जुड़े हुए हैं और सोशल साइट्स पर अराजकता फ़ैलाने वाली सभी पोस्टों को वह बिना सोचे समझें आगे बढ़ाते रहते हैं,  जिससे लोगों के मन में एक दूसरे के प्रति धर्म, जातिवाद, पार्टी और समाज के प्रति नफ़रत पैदा हो रही है।
दूसरी तरफ युवा वर्ग तो सारा दिन सोशल मीडिया से ही चिपका रहता है जिस कारण परिवार के आपसी लोगों का तालमेल खत्म होता जा रहा है वह अपने परिवार के साथ दो पल बिताने का समय तक नहीं निकाल पाते जबकि एक अनजान इंसान जिससे सोशल मीडिया पर दोस्ती होती है उनसे घंटों बातें करने में अपना समय बर्बाद करते रहते हैं। कुछ लोग तो ऐसे भी हमारे समाज में मौजूद हैं जिन्हें सोशल मीडिया की इतनी लत लग चुकी है, के उन्हें इसके सिवाए और कुछ नज़र ही नहीं आता जिस वजह से उनके दिमाग पर असर पड़ता है आँखें कमजोर होने लगती हैं और बच्चे अपनी पढ़ाई से दूर भागने लगते हैं और उनका भविष्य अंधकार में चला जाता है
निष्कर्ष: सोशल मीडिया के उपभोक्तओ में शामिल होने से पहले ध्यान से उसके सकारात्मक और नकारात्मक पहलूओं की जॉच कर लेनी चाहिए। यदि सोशल मीडिया का सही तरीके से उपयोग किया जाए तो ये मानव जाति के लिए वरदान साबित हो सकता है।
नोट- ये जानकारी हमारी एक मित्र द्वारा साझा की गयी है.
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