
आइये कुछ उदहारण से समझते हैं.....
लोग कहते हैं रेप क्यू होते हैं
एक 8 साल का लड़का सिनेमाघर में राजा हरिश्चंद्र फिल्म देखने गया और फिल्म से प्रेरित होकर उसने सत्य का मार्ग चुना और वो बड़ा होकर महान इंसान बना.
परन्तु आज 8 साल का लड़का टीवी पर क्या देखता है. सिर्फ नंगापन और अश्लील वीडियो और फोटो मैगज़ीन में अर्धनंगी फोटो। परोस में रहने वाली भाभी के छोटे कपड़े।
लोग कहते हैं रेप का कारन बच्चो की मानसिकता है पर वो मानसिकता आयी कहाँ से उसके जिम्मेदार हम खुद है क्योंकि हम जॉइंट फॅमिली में नहीं रहते हम अकेला रहना पसंद करते हैं. और अपना परिवार चलने के लिए माता पिता बच्चो को अकेला छोर कर काम पर जाना परता है.
और बच्चे अपना अकेलापन दूर करने के लिए टीवी और इंटरनेट का सहारा लेते हैं और उनको देखने के लिए क्या मिलता है वही अश्लील वीडियो और फोटो तो वो क्या सीखेंगे यही सब कुछ ना अगर वही बच्चा अकेला ना रहकर अपने दादा दादी के साथ रहे तो कुछ अच्छे संस्कार सीखेगा कुछ हद तक ये भी जिम्मेदार है पूरा देश रेप से उबाल रहा है.
छोटी छोटी बच्चियों से जो दरिंदगी हो रही है. उसपर सबके मन में गुस्सा है कोई सरकार को कोस रहा है कोई समाज को
लेकिन सुबह से रात तक आप कई बार सनी लियॉन के कंडोम के ऐड देखते हैं फिर दूसरे ऐड में रणबीर सिंह शैम्पू के ऐड में लड़की को पटाने का तरीका बताता है
ऐसे ही क्लोज़अप (Closeup ) लिम्का (Limca )थम्ब्स अप (ThumbsUp ) में भी ये सब दिखते हैं लेकिन तब आपको गुस्सा नहीं आता है.
सही कहा ना मैंने आप अपने छोटे बच्चे के साथ म्यूजिक चैनल पर क्या सुनते हैं और मम्मी बच्चो के साथ स्टार प्लस ज़ी टीवी सोनी टीवी देखती है जिसमे एक्टर और एक्ट्रेस किस करते हैं आँखों में आँखे डालते हैं और तो और भाभी जी घर पर हैं, जीजा जी छत पर हैं , टप्पू के पापा और बबिता जिसमे एक व्यक्ति दूसरे के पत्नी के पीछे घूमता लार टपकता नज़र आएगा पुरे परिवार के साथ हम ये सब देखते हैं लेकिन ये सब सीरियल देख कर आपको गुस्सा नहीं आएगा फिल्मो में रोमांस गन्दी कॉमेडी पर आप बारे मज़े लेकर इन सबको देखते हैं इनसब को देख कर आपको गुस्सा नहीं आता
खुलेआम टीवी चैनल वाले आपके बच्चे को बलात्कारी बनाते हैं उनके कोमल मन में जहर घोलते हैं तब आपको गुस्सा नहीं आता क्यू की आपको लगता है रेप रोकना सरकार की जिम्मेदारी है पुलिस प्रशाशन, न्याय व्यवस्था की जिम्मेदारी है लेकिन की क्या समाज और मीडिया की कोई जिम्मेदारी नहीं है अभिव्यक्ति के स्वतंत्रता में कुछ भी परोस दोगे क्या।
आप तो न्यूज देखकर अखबार पढ़ कर सिर्फ गुस्सा निकालोगे कोसोगे सिस्टम को सरकार को पुलिस को प्रशाशन को डीपी बदल लोगे सोशल मीडिया पर खूब हल्ला मचाओगे बहुत ज्यादा हुआ तो कैंडल मार्च या धरना कर लोगे लेकिन टीवी चैनल बॉलीवुड और मीडिया को कुछ नहीं बोलोगे क्योंकि वो आपके मनोरंजन के लिए हैं. सच पूछो तो टीवी चैनल अश्लीलता परोस रहे हैं पाखंड परोस रहे हैं झूठे विज्ञापन परोस रहे हैं झूठ और सत्य से परे ज्योतिषी पाखंड से भरी कहानियां एवं मंत्र ताबीज आदि परोस रहे है उनकी भी गलती नहीं है क्योंकि आप खरीदार हो
आज सोशल मीडिया और फिल्मो में पोर्न परोसा जा रहा है तो बच्चे बलात्काआरी ही बनेंगे ना ध्यान रहे समाज और मीडिया के बदले बिना अगर अब भी आप शुरुआत नहीं करते हैं तो फिर भारत की कोई बेटी निर्भया आसिफा गीता दिव्या प्रियंका रेड्डी तरह बर्बाद वाली है आपको अपनी बेटी बहन बचाना है तो सरकार क़ानून पुलिस के भरोसे से बाहर आकर समाज मीडिया सोशल मीडिया की गंदगी साफ़ करने की आवश्यकता है उन्हें अच्छे और बुरे का फर्क बताने की आवश्यकता है मै किसी के पहनावे को बुरा नहीं कहता लेकिन अच्छा पहनना और बेहूदा पहनना दो अलग बातें हैं अच्छा पहनिए और अपने परिवार के संस्कारो का आदर कीजिये रेप रोकना सरकार का काम नहीं आपके परिवारों में संस्कारों का है अगर मै इसमें कुछ गलत लिखा तो मै माफ़ी चाहता हु अगर आपको मेरी कही गयी बाते सही लगती हैं तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे


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