क्या आप 5 अप्रैल को 9:00 बजे 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया या फ्लैशलाइट जलाएंगे?

प्रधानमंत्री  मोदी ने पहले थाली बजाने की बात कही। मकसद साफ़ था। डॉक्टर, नर्स, पुलिस वालों, सफाई कर्मियों, रेलवे कर्मचारियों, मेडिकल स्टोर वालों, राशन दुकान वालों एवं उन सभी लोगों को शुक्रिया कहने के लिए, जो इस मुश्किल वक़्त में भी दूसरों के लिए काम कर रहे हैं। खुद की ज़िंदगी को खतरे में डालकर।
यद्यपि व्हाट्सप्प यूनिवर्सिटी के फ़र्ज़ी विज्ञान वाले मैसेज आने शुरू हो गए थे कि थाली और शंख की आवाज़ से कोरोना वायरस भाग जाएगा। लेकिन फिर भी शुक्रिया कहने वाली बात ही इन कुतर्कों पर हावी थी। इसलिए मैंने बालकनी में खड़े होकर थाली बजाई। तालियाँ भी बजाई।
अब बात आई है दीया, मोमबत्ती और फ़ोन की फ़्लैशलाइट जलाने की। प्रधानमंत्री  ने तो अब भी साफ़ किया है कि हम सबकी एकता को दिखाया जाए। यह महसूस ना हो कि हम लॉकडाउन में अकेले हैं। यह महसूस हो कि 130 करोड़ लोगों की सामूहिक इच्छाशक्ति इस मुश्किल दौर में साथ थी।
लेकिन इस बार व्हॉट्सियापा वालों को अच्छा-ख़ासा वक़्त मिल गया है।
  • कोई कह रहा है कि बल्ब बंद करने से चंद्रमा की रौशनी कोरोना वायरस को मारेगी।
  • किसी का कहना है कि मोमबत्ती और दीयों की गर्मी कोरोना वायरस को मारेगी।
  • एक तो ऐसा शर्मनाक वीडियो आया है जिसमें बात करने वाला आदमी पद्म अवार्ड से सम्मानित और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का भूतपूर्व अध्यक्ष है। नाम है के.के.अग्रवाल। उसका कहना है -
मोदी द्वारा नौ मिनट तक मोमबत्ती जलाकर प्रार्थना करने की बात का आधार योग वशिष्ठ अध्याय छह में है। सामूहिक चेतना का सिद्धांत। पाँच प्रतिशत लोग जो सोचेंगे, 95 प्रतिशत लोग वह करेंगे।
वह यहीं पर नहीं रुका। इसमें क्वांटम फिजिक्स भी घुसेड़ दी -
क्वांटम सिद्धांत और ऋतंभरा सिद्धांत के आधार पर सामूहिक चेतना में योग्यता है एस-2 रिसेप्टर्स को दुरुस्त कर देने की। अगर हम सामूहिक रूप से यक़ीन करें, कि कोरोना वायरस एस-2 रिसेप्टर में इकट्ठा नहीं होगा, तो हमारी सामूहिक चेतना ऐसा नहीं होने देगी।
जग्गी वासुदेव ऐसी बात कहते, तो फिर भी ठीक था। उनसे इस तरह की बकवास सुनने की आदत पड़ चुकी है। लेकिन किसी कार्डियोलॉजिस्ट का ऐसी बात अफ़सोसजनक है। इस पर भी हम यह मान लेते कि कोरोना वायरस की वजह से डॉक्टर साब तनाव में हैं। इसलिए कुछ भी बड़बड़ा दिए। क्या फ़र्क़ पड़ता है किसी एक डॉक्टर के बकवास करने से।
लेकिन भैंस उस समय में पानी में गई, जब इस बकवास को भारत सरकार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा रिट्वीट कर दिया गया। यह कहकर कि -
"डॉक्टर के.के.अग्रवाल, पद्म सम्मान विजेता और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के भूतपूर्व अध्यक्ष, समझा रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 05 अप्रैल को 9 बजे मोमबत्ती / दीया / टॉर्च / फ़्लैशलाइट जलाने के पीछे क्या विज्ञान है।"
ज़ाहिर सी बात है कि सरकार का मज़ाक उड़ा। माना कि देश में शिक्षा का स्तर अच्छा नहीं है, लेकिन इतने लोग तो भारत में शिक्षित हैं ही। बहुत से वैज्ञानिकों ने भी विभिन्न अखबार के जरिए इसका खंडन किया। इन वैज्ञानिकों को भी अजीब लग रहा होगा कि यार, इसकी बेवकूफी तो दसवीं क्लास का 'होशियार' बच्चा भी देख सकता है। हम वैज्ञानिकों के ऐसी बकवास का खंडन करने के दिन आ गए हैं क्या।
वैज्ञानिकों की तो बात अलग, एस्ट्रोलॉजर भी सामने आकर कह रहे हैं कि एस्ट्रोलॉजी को बदनाम ना करो। 9 संख्या में कुछ जादूई नहीं है।
सरकार को शायद ध्यान आया कि सरकार को वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना चाहिए, बजाए कि अंधविश्वास को। या फिर उन्हें मज़ाक उड़ने से ही अक्ल आ गई। आखिरकार कुछ देर बाद भारत सरकार ने अपना रिट्वीट डिलीट कर दिया।
ज़रा देखिए इन बेवकूफाना मैसेज को -
  • नासा अंतरिक्ष को छोड़कर अब कोरोना वायरस पर रिसर्च करने लगा है। झूठ फैलाते हुए इतना तो दिमाग लगा लेते।
  • लेकिन ये तो ऐसे नकलची हैं कि इनको लेबोरटरी से '130 करोड़' मोमबत्ती के बजाए '130 मोमबत्ती' लिखा हुआ मैसेज आया, तो सबने '130 मोमबत्ती' ही लिख दिया। यानि कॉपी-पेस्ट कर दिया।
  • नक्षत्र का नाम देखिए कि कितना सही रखा गया है। 'मूर्ख-भवति'।
अब स्थिति यह आ गई है कि सामूहिक एकता की बात इस शोर में खो गई है।
यही नहीं, जो लोग ये फ़र्ज़ी विज्ञान वाले मैसेज भेज रहे हैं, वही लोग भारतीय एकता के खिलाफ मैसेज फॉरवर्ड करते जा रहे हैं। ठीक है, तब्लीग़ी जमात वाले ज़ाहिल बेवकूफ लोग हैं। इतनी अक्ल नहीं कि ऐसे समय में यह जमावड़ा रहने देते। लेकिन इसको मोहरा बना लिया सभी मुस्लिमों के खिलाफ फिर से ज़हर उगलने का।
दुनियाभर के फ़र्ज़ी वीडियो फॉरवर्ड हो रहे हैं।
  • कहीं इंस्पेक्टर राजकुमार मिश्रा पुजारी को धमकाता है कि तीन दिन तक समझाने के बाद भी लोगों को इकट्ठा क्यों किया। तो इन फोटो को फॉरवर्ड किया जाता है कि मुस्लिम एस.पी. आबिद खान हिंदू पुजारी को मार रहे हैं। इतनी भी अक्ल नहीं कि पुलिस वाले की यूनिफॉर्म पर सितारे ही देख लो पहले।
  • मुंबई का कोई पुराना वीडियो है जिसमें पुलिस वैन में कोई मुजरिम पुलिस वाले पर थूकता है। उसे कोरोना जिहाद कहकर फॉरवर्ड किया जाता है।
  • कोई निज़ामुद्दीन मस्जिद में सामूहिक रूप से छींकने की बात कहने वाले वीडियो चल रहा है। जो असल में सूफी इस्लाम का 'ज़िक्र' नाम का रिचुअल है।
अब बेचारे ऑल्ट न्यूज़ वाले भी कितने फ़र्ज़ी वीडियो और फोटो का सच-झूठ पता करें?
कोरोना वायरस के आने पर कुछ दिन चारों तरफ इंसानियत की बात हो रही थी। अच्छा लग रहा था कि ऐसी आपदा में लोग हिंदू-मुस्लिम वाली बकवास भूलकर इकट्ठे हो गए हैं। लेकिन अब फिर से यही नफरत की अफीम का व्यापार शुरू हो गया।
इस नफरत के विरोध में दीया जलाऊँ, तो दिख रहा है कि नफरत फैलाने वाले और फ़र्ज़ी विज्ञान फैलाने वाले ही दीया जलाने में सबसे आगे हैं। दीया जलाने का मतलब 130 करोड़ की सामूहिक एकता नहीं रह गया है, जैसा प्रधानसेवक मोदी ने कहा था। बल्कि दीया जलाने का मतलब इन बेवकूफों के साथ एकता मान लिया जाएगा।
इसलिए आज जब फ़र्ज़ी विज्ञान का अंधकार चारों तरफ फैला हुआ होगा, मैं अपने घर की सभी लाइट जलाऊँगा। ताकि "फ़र्ज़ी विज्ञान की सामूहिक चेतना" से सद्बुद्धि के एसीई-2 रिसेप्टर्स को बचाया जा सके।

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2 Comments

  1. WhatsApp pr fake messages aaj se nhi balki jab se WhatsApp start hua h tabse failaye ja rahe h... Ab notice karne waali baat ye h ki ham us message ko kis tarah se lete h .......
    Samaj ke Kisi chhote se murkh tukre se kiye Gaye karya ka tokra ham pure Dharm par nhi phor skte h aur agr koi aisa krta h to wo Meri nazar me galat h ...... Aur Mai ye batana chahungi ki Hindu Dharm me hi nhi balki isai aur Sikh Dharm me bhi Maine dekha h ki diye .. mombatti ya kisi bhi prakaar ke prakash ko positivity se joda jata h ......aaj kl ki Jo paristhiti h jisme log dare hue h ghabraye hue h negativity charo or se gher rahi h us paristhiti me positive rehne ki jarurat h ..aur jaisa ki upr article me Kaha gya h ki aaj diye jalane se Bharat ki ekta aur akhandta dekhne ko milega aur ye isi uddeshya se Kiya jaa raha h ki logo ko ye na mehsoos ho ki wo is paristhiti se Akele joojh rahe h ... Puri duniya abhi isi paristhiti se joojh rhi h is liye abhi jarurat h ham sab ko sath milkr Iska samna krne ki ........achha likha keep it up.....👍👍👍be positive .. 🙂🙂

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